धर्मान्तरण मामले में उमर गौतम और जहांगीर के UP में तीन ठिकानों पर छापेमारी की गई है. ED ने लखनऊ में अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन और गाइडेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के दफ्तरों पर छापेमारी की है. ईडी के सूत्रों के मुताबिक तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो पूरे भारत में आरोपी उमर गौतम और उनके संगठनों द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का खुलासा करते हैं. दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि अवैध रूप से धर्मांतरण के लिए विदेश से करोड़ो रुपये आए. इसके अलावा दिल्ली में 3 ठिकानों पर ED ने सर्च अभियान चलाया है, जिसमे फातिमा चेरेटबले फाउंडेशन और Islamic Dawah Centre के आफिस के अलावा काजी जहांगीर आलम के घर 23/1 फोर्थ फ्लोर जामिया नगर में भी ED ने छापेमारी की है.
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ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए मामला दर्ज किया
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के द्वारा दिल्ली से दो लोगों को कथित तौर पर 1,000 से अधिक लोगों को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के चार दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए मामला दर्ज किया है. ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी ने एटीएस द्वारा कथित धर्मांतरण रैकेट में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया है, जिसके तार विदेशों से जुड़ते हैं. अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने मामले में दिल्ली के निवासियों - मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को भी आरोपी बनाया है, जिन्हें एटीएस ने गिरफ्तार किया था.
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प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारियां की गईं
लखनऊ के एटीएस पुलिस स्टेशन में मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारियां की गईं. सोमवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म में परिवर्तित होने वाले गौतम ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि उसने शादी, पैसे और नौकरी का लालच देकर कम से कम 1,000 लोगों को इस्लाम में परिवर्तित किया है.
Source : News Nation Bureau