मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आने वाले हर प्रवासी मजदूर व श्रमिक को रोजगार दिया जाएगा. इसके लिए यूपी में माइग्रेशन कमीशन बनेगा. माइग्रेशन आयोग को लेकर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस फैसले पर सवाल खड़ा किया है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि ''अब श्रमिकों के लिए नया आयोग बनाया जा रहा है जबकि ‘एम्पलॉयमेन्ट एक्सचेंज’ पहले से है. चाहे नीति आयोग हो, नया कोष या अब ये श्रम का विषय; जो है उसका उपयोग न करके हर एक मुद्दे पर कुछ नया बनाने का प्रयास क्यों. ये सरकार का अपनी असफलताओं से ध्यान हटाने का तरीक़ा व जन-धन का अपव्यय है.''
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सीएम योगी ने कहा है कि प्रदेश में आए श्रमिकों के हुनर के मुताबिक उनकी पहचान का काम तेज किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह आयोग रोजगार के लिए सभी विभागों से समन्वय स्थापित करेगा, जरूरी दिशा-निर्देश देगा और समय-समय पर समीक्षा करेगा.
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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने सोमवार को बताया कि सीएम ने आदेश दिया है कि जिस माइग्रेशन आयोग का गठन करना है उसका नाम 'कामगार/ श्रमिक (सेवायोजन एवं रोज़गार) कल्याण आयोग' होगा. प्रदेश में दूसरे राज्यों से ट्रेन व बस के जरिए 24 लाख से ज्यादा मजदूरों को वापस लाया गया है. उनके विवरण को सूचीबद्ध करने का काम राजस्व विभाग कर रहा है. हर जिले के डीएम इस काम को कर रहे हैं. इस कार्य को पूरा करके आयोग के गठन के बाद बहुत से काम शुरू होंगे.