जलवायु परिवर्तन के दौर में लगातार बढ़ रहा धरती का तापमान आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है. यह एक ऐसी समस्या है, जिसे अगर समय रहते नहीं निपटाया गया तो परिणाम भयानक होंगे और हमारी आने वाली पीढ़ी का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा. यही वजह है कि कोपनहेगन सम्मेलन से लेकर पेरिस समझौता तक जलवायु संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को प्रमुखता दी गई है. इस बीच भारत में भी पर्यावरण बचाओं को लेकर तरह-तरह की मुहिम चल रही हैं. लेकिन इसको लेकर शुरू की गई एक अनूठी पहल ने सबको हैरान कर दिया है.
पौधों और पेड़ों की देखरेख का जिम्मा अभियुक्तों पर
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की नजीबाबाद तहसील में पौधों और पेड़ों की देखरेख का जिम्मा अभियुक्तों और अपराधियों को सौंपा जा रहा है. ये अभियुक्त पूरी मेहनत के साथ इन पौधों की न केवल देखरेख करते हैं, बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरुक भी करते हैं. दरअसल, 151 जैसे छोटे-मोटे मामलों में अभियुक्त बने लोगों को इसी शर्त पर जमानत दी जाती है कि वो खुद पौधारौपण तो करेंगे ही, बल्कि उन पौधों की अपने बच्चों की तरह देखरेख भी करेंगे. अपनी तैनाती के दौरान कई तहसीलों में यह मुहिम शुरू कर चुके नजीबाबाद उपजिलाधिकारी मांगेराम चौहान बताते हैं कि वह खुद अपनी देखरेख में अभियुक्तों से पौधारोपण कराते हैं और समय-समय पर उनका निरीक्षण भी करते हैं.
अब तक 10 हजार से भी अधिक पौधे लगाए जा चुके
पर्यावरणविद मांगेराम चौहान ने बताया कि इस मुहिम के तहत अब तक 10 हजार से भी अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं, जिनकी सुरक्षा और देखरेख आज भी 151 सीआरपीसी के मुजरिम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अन्य तहसीलों के बाद अब बिजनौर की नजीबाबाद तहसील में पर्यावरण सुरक्षा का यह मॉडल अपनाया जा रहा है. जिसके तहत हजारों पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
Source : News Nation Bureau