उन्नाव कंपोजिट घोटाले की जांच EOW ने शुरू की

जनपद उन्नाव में बीते शिक्षा सत्र 2018-19 में जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग के 3137 प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में स्टेशनरी, खेलकूद व डस्टबिन सामग्री में हुई जमकर धांधली के आरोप लगे थे. कंपोजिट ग्रांट के तहत जिले को करीब 10 करोड़ का बजट दिया गया था.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
New Project  44

जांच करते अधिकारी।( Photo Credit : NN)

Advertisment

जनपद उन्नाव में बीते शिक्षा सत्र 2018-19 में जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग के 3137 प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में स्टेशनरी, खेलकूद व डस्टबिन सामग्री में हुई जमकर धांधली के आरोप लगे थे. कंपोजिट ग्रांट के तहत जिले को करीब 10 करोड़ का बजट दिया गया था. जिसमें एक ही फर्म मां वैष्णो से करोड़ों की खरीदारी कर स्कूलों में सप्लाई कराई गई थी. वहीं बीएसए व डीएम पर घालमेल के आरोप लगे हैं.

शासन से दोनों को निलंबित किया जा चुका है. पूरे मामले की जांच EOW को दी गई है. टीम ने विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष के बयान व खंड शिक्षा अधिकारियों से अभिलेख एकत्र किए हैं. टीम अभिलेख लेकर देर शाम वापस लखनऊ लौट गई.

यह भी पढ़ें- दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव

उन्नाव का कंपोजिट ग्रांट घोटाला काफी चर्चा में बना हुआ है. बता दें कि कंपोजिट ग्रांट के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए खेलकूद का सामान, डस्टबिन, फिनायल, घड़ी, स्टील के तशले समेत जरूरत का सामान खरीदने के लिए सरकार ने उन्नाव जिले को 10 करोड़ का बजट जारी किया था. विद्यालय प्रबंध समिति व हेड मास्टर को सामान खरीददारी का ज़िम्मा दिया गया.

मगर जिम्मेदारों ने अपनी जेब भरने के लिए जौनपुर की मां वैष्णो एजेंसी को स्कूलों में सामान पहुंचाने का जिम्मा देकर कमीशन फिक्स कर दिया. फिर क्या ऐजेंसी ने 80 रुपये वाली दीवार घड़ी को 600 रुपये का बिल लगाकर भुगतान करा लिया. ऐसे ही अन्य सामान में भी धन का बंदरबांट किया गया. वहीं घोटाले को न्यूज स्टेट ने 25 सितंबर 2019 को प्रमुखता से उठाया था.

यह भी पढ़ें- भारत-चीन के बीच तनाव खत्म होने के संकेत, लद्दाख में 3 इलाकों में पीछे हटे चीनी सैनिक

जिस पर शासन से जांच शुरू हुई और घालमेल की परत खुलने लगी. घोटाले में सबसे पहले तत्कालीन बीएसए बीके शर्मा को सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज कराई गई. वहीं कमिश्नर लखनऊ मंडल मुकेश मेश्राम की जांच में डीएम उन्नाव देवेंद्र कुमार पांडेय के दोषी पाए जाने पर सीएम योगी ने 22 फरवरी को उन्हें सस्पेंड कर दिया था.

अब सीएम के निर्देश पर मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा लखनऊ कर रही है. मंगलवार को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ (EOW) के प्रभारी निरीक्षक कमरूल हसन खां के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम उन्नाव पहुंची. टीम ने जनपद के प्रत्येक ब्लॉक के 3-3 स्कूलों के विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष व सचिव (हेड मास्टर) से खरीदे गए सामान के बारे में पूछताछ की.

यह भी पढ़ें- एमपी उपचुनाव को 'सिंधिया बनाम कमल नाथ' बनाने की कोशिश

साथ ही सामान खरीद पर सिग्नेचर कराए गए कि नहीं इसके बारे में भी पूछताछ की है. वहीं खंड शिक्षा अधिकारियों से खरीदारी के बिल संबंधी कागजात जमा कराए हैं. जांच शुरू होने से विभाग में हड़कंप का माहौल बना है. EOW लखनऊ शाखा प्रभारी निरीक्षक कमरूल हसन खां ने बताया कि मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन कर रही है. आज खरीददारी से संबंधित कागजात एकत्र किए गए हैं. कार्रवाई के बारे में शासन स्तर से बताया जाएगा.

Source : News Nation Bureau

फेसबुक scam Unnao News Hindi Unnao Composite Grant
Advertisment
Advertisment
Advertisment