उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ऐसा भी गांव है, जहां हजारों लोग पेड़ के सहारे रहने को मजबूर हैं. दरअसल, इस गांव में ज्यादातर लोग झोपड़ी में रहते हैं. बारिश के दिनों में यहां पानी भर जाता है. जिस वजह से कच्चे मकानों में लोगों को रहने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं बरसात के दिनों में घरों में सांप-बिच्छु भी आ जाता है. इन सभी वजहों से लोग पेड़ पर रस्सी के सहारे चारपाई को लटकाते हैं और उसी पर मचान बनाकर रहने को मजबूर हैं. गांव का नाम हरिहरपुर है. इस गांव में करीब 10 हजार लोग रहते हैं. हैरानी की बात यह है कि पीएम आवास योजना के बाद भी आज तक इस गांव में एक भी ग्रामीण को इस योजना का लाभ नहीं मिला.
आज तक इस गांव को नहीं मिला पीएम आवास योजना का लाभ
गांव की ज्यादातर आबादी मजदूरी करके जीवन बीता रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वह ग्राम प्रधान से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों तक अपनी समस्या को बता चुके हैं और पीएम आवास योजना की मांग कर चुके हैं. बावजूद इसके अब तक किसी भी ग्रामीण को इस योजना का लाभ नहीं मिला है. अब जाकर अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि पीएम आवास योजना की सूची में इस गांव के लोगों के नामों को भी शामिल किया गया है. यह गांव जिला मुख्यालय से महज 10-12 किलोमीटर पर है.
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अंबानी-अडानी लिखकर कर रहे हैं विरोध
पीएम आवास योजना में लापरवाही को लेकर ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अधिकारियों के हिसाब से यहां रहने वाले सभी लोग अमीर हैं और उन्हें घर की जरूरत ही नहीं है. इसलिए उन्होंने अंबानी और अडानी का नाम तख्ती पर लिखकर विरोध प्रदर्शन किरते हुए मांग कर रहे हैं कि कबतक पेड़ पर टंगे रहेंगे, हमें भी आवास दे दीजिए.
पेड़ पर रहने को मजबूर ग्रामीण
वहीं, इस पूरे मामले पर परियोजना निदेशक का कहना है कि कई बार इस गांव के लोगों का नाम पीएम आवास योजना के लिए गया है, लेकिन अब तक किसी को इस योजना का लाभ नहीं मिला है. आखिर इसकी वजह क्या है, इसे लेकर अलग से एक सर्वे अधिकारी को भी नियुक्त किया गया है.