उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने डॉक्टरों के लिए एक नया फरमान जारी किया है. योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टरों को अब गांवों में दो साल काम करना अनिवार्य होगा. यह बात सीएम योगी ने लखनऊ में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इसके लिए डॉक्टरों से बॉन्ड भरवाया जा रहा है. अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों से MBBS करने वाले हर डॉक्टर को दो साल तक गांवों में काम करना होगा.
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वहीं एमडी और एमएस करने वाले डॉक्टरों को भी एक साल अनिवार्य रूप से गांवों में काम करना होगा. इसके साथ ही इंटर्नशिप करने के लिए भी सरकार को कोई मजबूर नहीं करेगा. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद से 2012 तक 12 मेडिकल कॉलेज बनाए गए थे.
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पंद्रह नए मेडिकल कॉलेजों बनाने के लिए सरकार काम कर रही है. सात नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं. हर जिले को लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस दी गई है जो लोगों को बचाने का काम कर रही है. यहां उन्होंने आयुष्मान योजना की तारीफ करते हुए का कि स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग नियंत्रण के क्षेत्र में बेहतर काम किया है.
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आयुष्मान भारत योजना का लाभ पहुंचाने का काम ठीक से किया जा रहा है. सामाजिक सुरक्षा की इतनी बड़ी गारंटी पहली बार लोगों को मिली है. आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी आरोग्य योजना है. इस योजना में सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 46.86 लाख गोल्डन कार्ड बनाए गए. मुख्यमंत्री आरोग्य योजना के तहत 1.89 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड मिला. कई जिलों में बेहतर काम हुआ है तो कई जिलों में कार्य धीमी गति से चल रहा है.
HIGHLIGHTS
- आयुष्मान योजना की वर्षगांठ पर बोले सीएम योगी
- MD और MS करने वाले डॉक्टर भी देंगे 1 साल की सेवा
- आयुष्मान योजना के तहत 46.86 लाख गोल्डन कार्ड बने हैं
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो