लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को एक फर्जी एनकाउंटर मामले में यहां के पूर्व डिप्टी मेयर और तीन अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
गौरतलब है कि यह फर्जी एनकाउंटर लखनऊ के अलीगंज इलाके में 24 साल पहले हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी।
लखनऊ के पूर्व डिप्टी मेयर अभय सेठ, अलीगंज ट्रेड यूनियन के तत्कालीन महासचिव अशोक मिश्रा और दो सिपाहियों रामचंद्र सिंह और शिवभूषण तिवारी को कोर्ट ने दोषी करार किया था।
वहीं अलीगंज के तत्कालीन स्टेशन अधिकारी डी डी एस राठौड़ और सिपाही मुंशीलाल पर भी इस मामले में आरोप पत्र तय किए गए थे लेकिन ट्रायल के दौरान दोनों की मौत हो गई थी।
सजा का ऐलान करते हुए कोर्ट ने कहा कि मुकदमें की कार्रवाई बताती है चारों व्यक्ति फर्जी एनकाउंटर में शामिल थे।
अलीगंज पुलिस ने दावा किया था कि इन्होंने 26 फरवरी 1994 को एनकाउंटर में एक गैंगस्टर गोपाल मिश्रा को गोली मारी थी। लेकिन उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने 11 दिसंबर 1997 को सीबी-सीआईडी को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
जांच में सीबी-सीआईडी ने पाया था कि यह एक फर्जी एनकाउंटर था और आईपीसी और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट जमा किया गया था।
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Source : News Nation Bureau