उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लोक निर्माण विभाग की वाराणसी में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में विभाग के अधिशासी अभियंता सतीश चंद्र वर्मा को बैठक में अनुपस्थित रहने के चलते निलंबित कर दिया गया है. उपमुख्यमंत्री व लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज वाराणसी में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों को लेकर महत्वपूर्ण बैठक कर रहे थे, जिसमें सीडी भवन से संबंधित कार्यों का ब्यौरा नहीं मिल सका और विभाग के अधिशासी अभियंता सतीश चंद्र वर्मा भी अनुपस्थित रहे. जिसके चलते उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिशासी अभियंता सतीश चंद्र वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश देते हुए लोक निर्माण विभाग मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है.
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उत्तर प्रदेश में निवेश की काफी संभावनाएं
वहीं इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने उद्योगों को राज्य में निवेश का न्यौता देते हुए कहा कि यहां निवेश की काफी संभावनाएं हैं. यहां की जलवायु, यहां का वातावरण और कानून व्यवस्था सब कुछ निवेश करने के लिए बहुत ही अनुकूल हैं और प्रदेश सरकार ने निवेश के लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं. मौर्य बृहस्पतिवार को ताज होटल, लखनऊ में उद्योग मंडल द फेडरेशन ऑफ इण्डियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) के उत्तर प्रदेश के साथ चौथे संवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
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जापान और भारत एक विशेष रणनीति और वैश्विक भागीदारी साझा करते हैं
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जापान और भारत एक ‘‘विशेष रणनीति और वैश्विक भागीदारी’’ साझा करते हैं. जापानी दूतावास के साथ साझेदारी में फिक्की ने भारतीय राज्यों के साथ संबंधों को मजबूत करने और सामाजिक व आर्थिक हितों को बढ़ावा देने के लिए इस वार्ता की श्रंखला शुरू की थी. उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य है. यहां पर विद्यमान अपार संभावनाओं को समझा जा सकता है.
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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यहां की भूमि बहुत उपजाऊ है और इसकी अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर आधारित है. कई क्षेत्रों में मिलजुल कर अच्छा काम किया जा सकता है जिसमे खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी,पर्यटन, खनिज आधारित उद्योग ,वस्त्र, हथकरघा, हस्तशिल्प, जैव प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं. इन क्षेत्रों की क्षमता बढ़ाने और जापानी निवेश को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से तत्पर है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध से संबंधित तीर्थ स्थानों में सर्वाधिक पांच स्थल उत्तर प्रदेश में हैं, जिन्हे हम तीर्थ स्थल एवं पर्यटन के क्षेत्र के रूप में विश्व पटल पर और भव्य रूप दे सकते हैं. इसके अलावा यहां पर पर्यटन क्षेत्र विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं.