26 दिसंबर को लखनऊ के गोमती नगर इलाके से सुबह करीब 7 बजे रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को उसी की एसयूवी में अगवा कर देवरिया जेल ले जाया गया था, करीब 12:30 बजे जेल पहुंचने पर उसे शाम 5 बजे तक 4 घंटे से ज्यादा जेल के अंदर रखा गया और इस दौरान मारपीट कर जबरन प्रॉपर्टी और कंपनी से जुड़े दस्तावेजों पर साइन कराए गए. मारपीट के दौरान अतीक अहमद, उसका बेटा उमर अहमद और उसके गुर्गे मौजूद थे, जेल से निकलने के बाद मोहित को अतीक के गुर्गे एक दूसरी सिडान कार में लखनऊ आलमबाग स्थित घर से 100 मीटर पहले छोड़ गए थे.
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27 को उसने मेडिकल कराया और तहरीर एसएसपी लखनऊ को दी, एसएसपी के निर्देश पर 28 दिसंबर को सुबह कृष्णा नगर थाने में अपहरण, मारपीट और फिरौती की धाराओं में 6 नामजद और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें दो आरोपियों की गिरफ्तारी कर मोहित की कार भी बरामद कर ली गई है. मोहित का कहना है कि इससे पहले भी अतीक अहमद और उसके गुर्गे उससे रंगदारी वसूल चुके हैं.
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एसपी पूर्वी लखनऊ सर्वेश मिश्रा ने अतीक अहमद के खिलाफ थाना कृष्णा नगर में दर्ज की गई एफआईआर को लेकर कहा है कि पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों इरफान और गुलाम को गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना देवरिया जेल की बताई जा रही है, इसीलिए अनुमति लेकर घटनास्थल पर घटनाक्रम से जुड़े तथ्यों की जांच भी की जाएगी, साथ ही अन्य आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी. एडीजी जेल चंद्रप्रकाश ने मामले की जांच गोरखपुर जेल के सुपरिंटेंडेंट को सौंपी है, शाम तक प्राथमिक जांच रिपोर्ट आने पर देवरिया जेल के सुपरिंटेंडेंट पर गिर गाज सकती है .
Source : News Nation Bureau