Advertisment

लखीमपुर खीरी में परिवार ने आपस में जुड़ी हुईं बच्चियां पैदा होने पर मांगी आर्थिक मदद

लखीमपुर खीरी में जन्मी जुड़वा बच्चियों की डिलीवरी घर पर सुरक्षित रूप से हुई. डॉ. एसके सचान ने कहा, हम आश्चर्यचकित हैं कि होम डिलीवरी में संयुक्त जुड़वा बच्चे बच गए, जो ऐसे मामलों में संभावित कई जटिलताओं को देखते हुए दुर्लभ है.

author-image
Shailendra Kumar
New Update
Joint Baby

जुड़वा बच्चियां( Photo Credit : IANS)

Advertisment

लखीमपुर खीरी के एक गांव में एक गरीब दलित परिवार में आपस में जुड़ी हुई जुड़वा बच्चियों के जन्म से न सिर्फ परिवार में खुशहाली आई है, बल्कि आर्थिक परेशानी की समस्या भी आन पड़ी है. ऐसे में बच्ची के माता-पिता ने मददगारों से आर्थिक सहायता की अपील की, जिससे नवजात शिशुओं की सर्जरी हो सके और उनका शरीर अलग हो सके. डंडूरी गांव में रहने वाले जुड़वा बच्चियों के पिता राम कुमार गौतम दिहाड़ी मजदूर हैं.

यह भी पढ़ें : अयोध्या मस्जिद : हिंदू की ओर से 21 हजार रुपये का पहला दान

वहीं दूसरी ओर लखीमपुर खीरी में डॉक्टर इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थे कि गुरुवार को जन्मी जुड़वा बच्चियों की डिलीवरी घर पर सुरक्षित रूप से हुई. डॉ. एसके सचान ने कहा, हम आश्चर्यचकित हैं कि होम डिलीवरी में संयुक्त जुड़वा बच्चे बच गए, जो ऐसे मामलों में संभावित कई जटिलताओं को देखते हुए दुर्लभ है. जुड़वां बच्चियां ओम्फालोपैगस होते हैं, उनका पेट आपस में मिला होता है. चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामलों में नवजात के जीवित रहने की दर सिर्फ 5 से 25 प्रतिशत है। इस तरह के जुड़वा आमतौर पर एक लिवर के साथ पैदा होते हैं, लेकिन कई बार कुछ मामले अलग भी होते हैं, जिनमें छोटी आंत और पेट का निचला हिस्सा जुड़ा रहता है.

यह भी पढ़ें : भोपाल में युवती को बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म

आमतौर पर संयुक्त शिशुओं को उनकी शारीरिक रचना के कारण सीजेरियन सेक्शन डिलीवरी की आवश्यकता होती है, लेकिन इस मामले में वे घर पर एक सामान्य प्रसव के माध्यम से पैदा हुई. नवजातों को शुक्रवार सुबह उनके पिता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां कर्मचारियों ने कहा कि वे स्वस्थ हैं. वहां से जुड़वा बच्चों को मेडिकल परीक्षण के लिए लखनऊ के एक अस्पताल में भेजा गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त जुड़वा बच्चों की मृत्युदर बहुत अधिक है और उस पर लड़कियों के जन्म पर जीवित रहने की संभावना और कम हो जाती है. उन्होंने कहा, हम शिशुओं के इलाज की संभावना की जांच करेंगे.

Source : News Nation Bureau

twins update news in lakhimpur kheri financial help Dalit family joint baby is born in lakhimpur kheri जुड़वा बच्चे
Advertisment
Advertisment