जेवर एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद बढ़े मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार और यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है. याचिका में किसानों ने जमीनों का लैंडयूज मनमाने तरीके से बदलने का आरोप लगाया है. जमीन का लैंडयूज बदलने से 4 गुना के बजाय किसानों को सिर्फ 2 गुना मुआवजा दिया जा रहा है. अब इस मामले में 18 नवंबर को अगली सुनवाई होगी.
बुधवार को किसानों ने मुख्यमंत्री को सौंपे से कब्जा प्रमाण पत्र
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राजधानी लखनऊ में बुधवार को किसानों ने जेवर एयरपोर्ट निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई करीब 80.13 प्रतिशत भूमि के कब्जा प्रमाण पत्र सौंपे. 1334 हेक्टेयर भूमि कुल इस प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहण होनी है, जिसमें से आज 1068 हेक्टेयर भूमि यानी 80 फीसदी भूमि पर कब्जे के प्रमाण पत्र सौंपे गए हैं. जेवर के रोही, दयानतपुर, पारोहि, किशोरपुर, नगला और वनवारिवास के करीब 80 किसानों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को कब्जा प्रमाण पत्र दिए. किसी भी प्रोजेक्ट के लिए 80 फीसदी भूमि का अधिग्रहण जरूरी होता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ढाई वर्ष पहले जब उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार बनी तो प्रदेश में सिर्फ दो एयरपोर्ट थे, लेकिन आज 7 एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो चुका है. पहले से मौजूद 17 हवाई पट्टियों को चालू करने का काम शुरू हो चुका है.
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जेवर विधानसभा क्षेत्र के विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर शुरू में काफी समस्या आ रही थी. ऐसा लगता था ये प्रोजेक्ट राजस्थान या हरियाणा चला जाएगा, लेकिन सीएम योगी ने खुद किसानों से बात की और वो तैयार हो गए. बिना किसी हंगामे और बवाल के अच्छे से भूमि अधिग्रहण हुआ है. इस मौके पर राज्य के उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने एयरपोर्ट के विकास में लगे सभी लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के लिए यह एयरपोर्ट मील का पत्थर साबित होगा. इसके जरिए सरकार नौजवानों को रोजगार दिया जाएगा. यूपी सरकार सबका साथ सबका विकास में जुटी हुई है.