खुर्जा (Khurja) के रहने वाले विवेक उर्फ विक्की और बुलंदशहर (Bulandshahr) के रहने वाले वकील धर्मेन्द्र खासे दोस्त थे. इनके बीच पैसों को लेकर दरार पैदा हो गई. दरार भी इस कदर बढ़ी कि दोस्त को ठिकाने लगाने की तैयारी कर ली. हत्या के लिए उसने अपने गोदाम को चुना. विक्की धर्मेन्द्र को दावत के बहाने गोदाम पर बुला लेता था. लेकिन किसी न किसी के आ जाने के चलते विक्की का प्लान फेल हो जाता. तीन महीने में जब 25 बार उसका प्लान फेल हुआ तो उसने 26वीं बार उसका मर्डर (Murder) दावत खिलाने से पहले ही कर दिया.
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विक्की ने ऐसे किया दोस्त धर्मेन्द्र का मर्डर
पूछताछ में सामने आया कि 3 महीने में विक्की धर्मेन्द्र को 25 बार बुलंदशहर से खुर्जा दावत पर बुला चुका था. धर्मेन्द्र पर इतनी दूर इसलिए चला आता था कि खुर्जा के पनीर-आलू बड़े मशहूर हैं. जैसे विक्की धर्मेन्द्र का कत्ल करने वाला होता था, उसके गोदाम पर कोई न कोई आ जाता था. इसके उसका प्लान पूरी तरह फेल हो जाता था. एक बार विक्की ने धर्मेन्द्र को 25 जुलाई को दावत पर बुलाया. दावत के लिए पनीर-आलू भी बनाए गए. लेकिन जैसे ही धर्मेन्द्र आया तो दावत खिलाने का इंतजार किए बिना ही विक्की ने अपने नौकरों के साथ मिलकर धर्मेन्द्र का मर्डर कर दिया. चेहरे की पहचान छिपाने के लिए धारदार हथियार से कई वार किए. फिर शव को जलाने की कोशिश भी की गई. उसके बाद शव को गोदाम में ही बने सेफ्टी टैंक में दफना दिया गया.
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मुखबिर से खुला राज
धर्मेन्द्र के गायब होते ही विक्की उसके परिवार के साथ मिलकर उसे तलाश करता रहा. इस मामले में अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था. जिस जंगल के पास धर्मेन्द्र की बाइक बरामद हुई थी, वहां पुलिस ड्रोन से भी तलाश की, लेकिन धर्मेन्द्र नहीं मिला. इसके बाद एक अगस्त को पुलिस को मुखबिर से पता चला कि पुलिस चौकी के पास बने विक्की के मार्बल गोदाम में ही धर्मेन्द्र का कत्ल कर शव को वहीं दफना दिया गया है. जिसके बाद पुलिस ने गोदाम की तलाशी ली तो शव बरामद हो गया. विक्की ने अपने नौकरों को एक-एक मकान देने का लालच दिया था.
Source : News Nation Bureau