कोरोना वायरस से मुस्लिमों की मौत पर फरंगी महल ने सुपुर्द-ए-खाक को लेकर फतवा जारी किया है. मुस्लिमों के अंतिम संस्कार की गलतफहमियां दूर करने के लिए यह फतवा जारी किया गया है. मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि कोरोना से किसी की मौत होने पर दफनाने के लिए डॉक्टर के बताए तरीके का ही प्रयोग करें. डॉक्टर प्लास्टिक के बैग में पैक करके शव देंगे. उसी पैकिंग को कफन मानते हुए शव को दफनाया जाएगा. दफनाते वक्त नमाजे जनाजा भी होगी.
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उन्होंने कहा कि जिनको गलतफहमी है कि मर्ज फैलेगा उनको गलतफहमी दूर करनी चाहिए. डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन है कि मरने के बाद दफना देने से यह बीमारी दूसरों को नहीं लगती है. इससे पहले कई बार ऐसी खबरें सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस से मरने के बाद शव को जलाकर ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके बाद कुछ लोगों ने इस पर सवाल भी उठाए थे.
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दरअसल कोरोना संक्रमित किसी भी शख्त की मौत के बाद डॉक्टर उसके शव को प्लास्टिक के एक बैग में बंद करके देते हैं. इस बैग के साथ ही उसका अंतिम संस्कार किया जाता है. शव को किसी भी सूरत में बैग से बाहर निकालने की इजाजत नहीं दी जाती है. बैग से शव को बाहर निकालने पर कोरोना के संक्रमण का खतरा रहता है.
Source : News State