उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही गोरखपुर में रीजनल फिल्म सिटी की स्थापना करने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरी झंडी मिलने के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने फिल्म सिटी के लिए 100 एकड़ जमीन खोजनी शुरू कर दी है. भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि सरकार की इस पहल से इंडस्ट्री का अब स्वर्णिम काल शुरू होगा और अब साउथ और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बराबर आ जायेगी. गोरखपुर में नॉर्थ इंडिया की पहली रीजनल फिल्म सिटी की स्थापना होने जा रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस पहल के बाद भोजपुरी फिल्मों की दुनिया में काम कर रहे पूर्वांचल के तमाम कलाकारों और निर्माताओं में उम्मीदें जगने लगी हैं.
माना जाता है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री 2000 करोड़ रुपये से ऊपर की इंडस्ट्री है. भोजपुरी के साथ ही उत्तर प्रदेश में अवधी, बुंदेलखंडी, बृज और दूसरी क्षेत्रीय सिनेमा का भी अब विकास हो जाएगा. मुख्यमंत्री की सौगात को लेकर गोरखपुर के सांसद रवि किशन बेहद उत्साहित हैं. रवि किशन का कहना है कि उनके सपने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरा करने के लिए शुरुआत कर दिया है. आज जिस तरह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री ग्लोबल हो रही है उसकी शुरुआत भी गोरखपुर से ही हुई है. भोजपुरी की पहली पैन इंडिया फिल्म "महादेव का गोरखपुर" रवि किशन ने गोरखपुर में शूट कर ली है जो भोजपुरी के अलावा पांच अन्य भाषाओं में बन रही है.
गोरखपुर में रीजनल फिल्म सिटी की स्थापना से यूपी, बिहार और नेपाल के उन लाखों पर्दे के सामने और पर्दे के पीछे काम करने वालों को अब अपने घर में ही रोजगार मिल सकेगा. एक साल में यहां 300 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हुई. जिसमें भोजपुरी के अलावा साउथ इंडस्ट्री, बॉलीवुड और ओटीटी की भी फिल्में गोरखपुर और आसपास के जिलों में शूट की गई.
भोजपुरी के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए सबसे बेहतरीन जगह गोरखपुर को मान रहे हैं और यहां पर उनकी लगातार फिल्में शूट हो रही है. इन अभिनेताओं का कहना है कि पिछले 5 सालों में गोरखपुर और आसपास के जिलों में जिस तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए काम किया है और पर्यटन स्थलों को विकसित किया है उसकी वजह से आज उन्हें यहां पर शूटिंग करने में काफी सहूलियत महसूस हो रही है.
उप्र में भोजपुरी फिल्में काफी संख्या में बनती हैं. इस समय करीब 70 फीसद भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग यूपी में गोरखपुर तथा आसपास के जिलों में हो रही हैं. यहां पर फिल्म सिटी बनने से काफी चीजों में सहूलियतें मिलने की उम्मींद निर्माताओं और कलाकारों को है. इनका कहना है कि स्टूडियों से लेकर तमाम तकनीकी काम के लिए यहां के निर्माताओं को मुंबई पर निर्भर रहना पड़ता है. अब जब यूपी में उन्हें यह सारी सुविधाएं रीजनल फ़िल्म सिटी के जरिए एक ही जगह मिलनी शुरू हो जाएंगी तो फिर इनकी फिल्मों का खर्च कम होगा और यह टेक्निकल चीजों पर अपनी फिल्मों में पैसा इन्वेस्ट कर बेहतरीन फ़िल्म बनाने की शुरुआत कर सकेंगे.
फिल्म निर्माण से जुड़े निर्माताओं और निर्देशकों का कहना है कि वह पिछले कई दशकों से भोजपुरी फिल्मों के निर्माण में लगे हैं लेकिन पिछले कुछ सालों में यूपी सरकार ने फिल्मों की शूटिंग के लिये जो सुविधाएं दी है. उसकी वजह से उनको काम करने में काफी आसानी हो गयी है. गोरखपुर में फ़िल्म सिटी की स्थापना उनके लिये सपने को सच करने जैसा है. स्थितियां अगर ऐसी ही बनी रही तो आने वाले समय में पूर्वांचल से भोजपुरी सिनेमा को जो पंख मिलेंगे वह पूरे देश में अपने लोक संगीत और लोक कथाओं के जरिए छाने को तैयार हैं.
Source : News Nation Bureau