बिहार के चर्चित चारा घोटाला मामले में जेल में बंद लालू प्रसाद यादव की कथित पैरवी के लिए सीबीआई के स्पेशल जज शिवपाल सिंह को फोन किये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाई है।
योगी ने झांसी के कमिश्नर को पूरे मामले की प्रमुखता से जांच के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने अपने आदेश में कहा कि जांच संबंधी रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपे।
रांची सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह के मुताबिक, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू यादव को सजा सुनाए जाने से पहले उनके पास कई फोन आए थे।
जज ने 4 जनवरी को लालू की सजा पर बहस के दौरान कहा था, 'मैं किसी की नहीं सुनता। आपके (लालू) शुभचिंतकों के फोन बहुत दूर-दूर से आते हैं।'
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के जालौन के डीएम मन्नान अख्तर और एसडीएम ने कथित तौर पर जज शिवपाल सिंह को फोन कर लालू की पैरवी की।
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हालांकि अख्तर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैंने न तो किसी को फोन किया और न मैंने किसी से ऐसी बात की है। मेरा बिहार से कोई संबंध नहीं है। जज शिवपाल सिंह जालौन के शेखपुर खुर्द गांव के ही रहने वाले हैं।
आपको बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने चारा घोटाले के एक मामले में 6 जनवरी को साढ़े तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पर इस मामले में पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
सीबीआई अदालत ने पिछले साल 23 दिसंबर को घोटाले के संबंध में लालू प्रसाद और 15 अन्य को दोषी करार दिया था।
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HIGHLIGHTS
- चारा घोटाला मामले में लालू यादव की पैरवी के लिए जज के पास आए थे फोन
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी के कमिश्नर से पूरे मामले में मांगी रिपोर्ट
- जालौन के डीएम और एसडीएम ने जज के पास कथित तौर पर किया था फोन
Source : News Nation Bureau