उत्तर प्रदेश में एक महिला को उसके पति के शव के साथ रोडवेज बस से उतारने का अतिसंवेदनशील मामला सामने आया है. महिला के पति की मृत्यु बस में यात्रा करने के दौरान हुई थी. रिपोर्ट के अनुसार, दंपति बुधवार रात को बहराइच से लखनऊ जाने वाली की बस में यात्रा कर रहा था. इस दौरान बाराबंकी के निकट यात्री राजू मिश्रा (37) को दिल का दौरा पड़ा और इससे पहले उन्हें कोई चिकित्सकीय सहायता मिल पाती, उनकी मौत हो गई. लखनऊ से 25 किलो मीटर पहले बस में उनकी मौत हुई.
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मृतक के बड़े भाई मुरली मिश्रा ने मीडिया को बताया कि बस के परिचालक मो. सलमान और चालक जुनैद अहमद ने उनकी भाभी को भाई के शव के साथ बस से उतरने पर मजबूर कर दिया और उन्होंने उनसे बस के टिकट भी छीन लिए. हालांकि सभी आरोपों को झूठा बताते हुए बस के कंडक्टर ने कहा कि यात्री को जरवाल रोड के पास सीने में दर्द की शिकायत हुई. उन्होंने दंपति को बताया कि एक डॉक्टर भी बस में यात्रा कर रहा है, लेकिन वह (डॉक्टर) ज्यादा मदद नहीं कर सका. जिसके बाद उन्होंने राजू को राम नगर में एक निजी चिकित्सक के पास ले जाने का फैसला किया.
मो. सलमान ने कहा कि उसने रामनगर में बस रोकी और मरीज को देखने के लिए पास के क्लीनिक से डॉक्टर डी.पी सिंह को बुलाया. हालांकि राजू की मौत की पुष्टि बस में ही हो गई थी. कंडक्टर ने कहा कि उसने उत्तर प्रदेश पुलिस की डायल 100 सेवा पर भी फोन किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और इसलिए उसने राम नगर के एसओ को फोन किया और शव को बाराबंकी अस्पताल ले जाने को कहा. कंडक्टर ने आगे कहा कि उसने मृतक के अन्य रिश्तेदारों को फोन किया और महिला के रिश्तेदारों के आग्रह पर ही उसने दोनों को बस से उतारा.
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राम नगर के एसओ श्याम नारायण पांडेय ने कहा कि बस कंडक्टर ने उन्हें सूचित किया था कि महिला राम नगर में अपने पति के शव के साथ बस से उतरना चाहती थीं, लेकिन उन्होंने बस कंडक्टर को दोनों को बाराबंकी के नजदीकी अस्पताल ले जाने के लिए कहा, जहां आगे की चिकित्सीय-कानूनी प्रक्रिया, जैसे मृत्यु-प्रमाण पत्र आदि की कार्रवाई की जा सके. एसओ ने कहा कि उन्होंने कुछ पुलिसकर्मियों को भी मौके पर भेजा, लेकिन महिला अपने पति के शव के साथ उतर चुकी थी. पांडेय ने कहा कि उन्होंने शव को बाराबंकी अस्पताल ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था भी की.
गुरुवार को बाराबंकी अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया गया. बहराइच बस स्टेशन के सहायक रोडवेज प्रबंधक (एआरएम) मोहम्मद इरफान ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से घटना की जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब ट्विटर पर एक यूजर किरण दीप ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस घटना की जानकारी दी.
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