Mukhtar Ansari Death: पूर्वांचल के माफिया और मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार की रात डेथ हो गई. सोमवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनका इलाज चल रहा था लेकिन गुरुवार रात उनका निधन हो गया. आपको बता दें कि कभी पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी का खौफ हुआ करता था. आम नागरिकों से लेकर अधिकारी भी अंसारी से डरते थे. उन्हें अब तक सात मामलों में जेल हो चुकी थी जबकि आठवें मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था. बताया जाता है कि अंसारी ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर संस्तुति प्राप्त कर बंदूक का लाइसेंस हासिल कर लिया था. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह घटना 10 जून 1987 को हुई थी और उनके खिलाफ पहला मामला दर्ज किया गया था.
36 साल बाद फर्जीवाड़े में हुई सजा
इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद सीबी-सीआईडी की ओर से 4 दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में तत्कालीन उपजिलाधिकारी मुख्तार अंसारी समेत पांच लोगों के खिलाफ नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. हालांकि, दूसरी ओर उनके वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने कहा था कि घटना के वक्त उनकी उम्र महज 20 से 22 साल थी. उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था. इस मामले की सुनवाई चलती रही है और 36 साल बाद पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
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विधायक अपहरण मामले में काट रहे थे सजा
विशेष न्यायाधीश (MP-MLA Court) अवनीश गौतम की कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था. 5 जून 2023 को इसी कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वहीं, मुख्तार ने साल 2010 में कपिल देव सिंह की हत्या और 2009 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मीर हसन नामक एक व्यक्ति की हत्या की थी. साथ ही बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के अपहरण और हत्या मामले में 10 साल की सजा काट रहे थे. पिछले डेढ़ साल में उन्हें इन सभी मामलों में सजा सुनाई गई थी.
Source : News Nation Bureau