इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बड़ी राहत दी है. उन्हें उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है. उनकी सात साल की सजा को हाई कोर्ट ने निलंबित कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह निर्णय सुनाया है. गौरतलब है कि अपहरण और रंगदारी के केस में धनंजय सिंह को 7 वर्ष की सजा हुई थी. आपको बता दें कि धनंजय सिंह ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी थी. पूर्व सांसद धनंजय सिंह को राहत के साथ हाईकोर्ट से एक झटका भी मिला है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक नहीं लगाई है. धनंजय सिंह जेल से बाहर आ सकते हैं, मगर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. आपको बता दें कि आज सुबह ही धनंजय सिंह को जौनपुर से बरेली जेल में शिफ्ट किया जा रहा था. इस बीच यह निर्णय आ गया.
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धनंजय सिंह जमानत पर बाहर तो आ गए हैं, मगर वे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. दरअसल हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक नहीं लगाई है. ऐसे में वे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. आज सुबह ही धनंजय को जौनपुर से बरेली जेल में लाया जाना था. इस बीच कोर्ट का निर्णय आ गया. आपको बता दें कि बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में धनंजय सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई थी. मगर बहस पूरी नहीं हो सकी थी. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में यह सुनवाई दोबारा शुरू हुई.
ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा
दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद अदालत ने निर्णय को सुरक्षित रख लिया. शनिवार को धनंजय सिंह के पक्ष में निर्णय सुनाया. अदालत ने उनकी सात वर्ष की सजा पर रोक लगाई है. हालांकि धनंजय चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, क्योंकि कोर्ट ने चुनाव न लड़ने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा. आपको बता दें कि नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी को लेकर जौनपुर की MP-MLA कोर्ट ने धनंजय सिंह को 7 वर्ष की सजा सुनाई थी.
Source : News Nation Bureau