पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmyanand) पर की निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज हो गई है. वहीं आरोप लगाने वाली छात्रा की भी अग्रिम जमानत खारिज हो गई है. स्वामी चिन्मयानंद और रंगदारी मांगने के मामले में आरोपी छात्रा के वकीलों ने जिला जज के यहां जमानत के लिए अर्जी लगाई है. दोनों की अर्जी पर 30 सितंबर 2019 को जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी. बता दें कि छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप में स्वामी चिन्मयानंद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं.
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रंगदारी मांगने के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं छात्रा और और उसके तीन दोस्त भी
वहीं स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में छात्रा और और उसके तीन दोस्त भी न्यायिक हिरासत में हैं. गौरतलब है कि शाहजहांपुर जिले की शहर कोतवाली में यौन उत्पीड़न और रंगदारी के मामला दर्ज है. वहीं न्यूज़ स्टेट की खबर का असर हुआ है कि स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण में एसआईटी के खिलाफ गलत बयान देने के मामले मेडिकल कॉलेज की पीआरओ पूजा पांडेय और राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल फंस गए हैं.
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पीआरओ ने पद से इस्तीफा दे दिया है. राजकीय मेडिकल कॉलेज से मेडिकल टीम आश्रम में चिन्मयानन्द का इलाज करने गई थी. पीआरओ ने एसआईटी के कहने पर डॉक्टरों को भेजने का गलत बयान दिया था. एसआईटी ने पीआरओ और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से इस मामले में पूछताछ की थी. राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर भी कार्रवाई हो सकती है. इसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है.
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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में छात्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. एक दिन पहले ही मामले की जांच कर रही एसआईटी ने उसे हिरासत में लिया था. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने बताया, स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले लॉ की छात्रा को एसआईटी (SIT) ने कथित तौर पर रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित की गई एसआईटी के प्रमुख नवीन अरोड़ा (SIT Chief Naveen Aroda) के मुताबिक, चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने में छात्रा की भी संलिप्तता सामने आई है.