उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री रामवीर उपाध्याय ( Former UP cabinet minister Ramveer Upadhyay ) का आज यानि शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह कैंसर रोग से पीड़ित थे और लगभग 14 महीनों से अंडर ट्रीटमेंट थे. रामवीर उपाध्याय के निधन की खबर सुनकर उनके परिवार व समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई. आपको बता दें कि रामवीर 25 सालों से लगातार विधायक रहे. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था, जिसकी एक वजह उनका बीमार होना बताया गया था.
रामवीर उपाध्याय जिले की तीनों सीटों से विधायक रहे थे
खास बात यह है कि रामवीर उपाध्याय जिले की तीनों सीटों से विधायक रहे थे. उनका जन्म हाथरस के ही बामोली गांव में 1957 में हुआ था. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा भी हाथरस में रहकर ही पूरी की. जिसके बाद कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मेरठ व गाजियाबाद में वकालत की प्रैक्टिस भी की. हालांकि इस बीच उनका राजनीति में भी रूझान बना रहा. वह 1991 में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए. उनकी शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से हुई लेकिन वह 1996 में बसपा के टिकट पर विधायक बने. इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने रामवीर को मंत्रिमंडल में शामिल किया और कैबिनेट मंत्री बनाया.
बसपा के कद्दावर नेताओं में थी गिनती
रामवीर उपाध्याय के राजनीतिक करियर की बात करें तो वह 1996, 2022 और 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते और तीनों बार कैबिनेट मंत्री बने. उनकी पहचान बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी और वह मायावती के बेहद करीबी थे. 2012 में भी उन्होंने हाथरस की ही सिकंदराराऊ सीट से जीत दर्ज की थी. हाथरस के नया जिला बनवाने का श्रेय भी रामवीर को ही दिया जाता है.
Source : News Nation Bureau