जम्मू-कश्मीर की सर्वदलीय बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 24 जून को केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने का आह्वान मिला है. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. कश्मीर पर होने वाली इस बैठक को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. मायावाती ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि सीधे पीएम नरेन्द्र मोदी के स्तर पर जम्मू-कश्मीर के सम्बंध में वहां के 14 लीडरों की कल 24 जून की बैठक उचित पहल है. करीब दो वर्ष के अन्तराल के बाद की यह बैठक कुछ ठोस फैसलों के साथ सार्थक सिद्ध होगी और जम्मू-कश्मीर राज्य की पुनः बहाली आदि के लिए भी मददगार साबित होगी, ऐसी आशा है.
उन्होंने आगे लिखा, 'साथ ही, जम्मू-कश्मीर विधानसभा सीटों के लिए जारी नए परिसीमन के काम की यथाशीघ्र समाप्ति व वहां आम चुनाव आदि ऐसे मुद्दे हैं जिनपर देश की निगाहें लगी हुई हैं. केन्द्र को अपने वादे व दावे के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में स्थिति को जल्द बहाल करने का प्रयास तेज करना चाहिए, बीएसपी की सलाह.'
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बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के लगभग दो साल बाद, एक महत्वपूर्ण पहल में, प्रधानमंत्री मोदी जम्मू से मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के साथ बैठक करेंगे.
सूत्रों का कहना है कि केंद्रशासित प्रदेश में राजनीतिक गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र मुख्यधारा के राजनीतिक दलों तक पहुंच बना रहा है. जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने की अटकलों के बीच यह बैठक हो रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा परि²श्य पर चर्चा के लिए एक समीक्षा बैठक की.
बैठक का आमंत्रण मिलने के बाद पीडीपी नेता हुए रिहा
अधिकारियों ने शनिवार को उनके चाचा और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी को नजरबंदी से रिहा कर दिया. मदनी को 21 दिसंबर, 2020 को पीडीपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता नईम अख्तर के साथ हिरासत में लिया गया था. मदनी को पहले दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा कस्बे में पुलिस ने तीन दिन के लिए नजरबंद किया था. इसके बाद उन्हें श्रीनगर के एमएलए हॉस्टल में भेजा गया, जहां वह शनिवार तक नजरबंद रहे.
नईम को नजरबंद होने से रिहा कर दिया गया, लेकिन 12 मई, 2021 तक नजरबंद रहना था. पीडीपी प्रवक्ता ने मधु की रिहाई की पुष्टि की है. सूत्रों ने यहां बताया कि मदनी की रिहाई 24 जून को नई दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल होने के दिल्ली के निमंत्रण के बाद हुई.
सूत्रों का मानना है कि बैठक जम्मू-कश्मीर में एक समावेशी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रधान मंत्री द्वारा पहला कदम है, जिसे कभी भी परिसीमन आयोग अपना काम पूरा कर सकता है.
आयोग का कार्यकाल इस साल मार्च में समाप्त हो गया था, लेकिन इसे मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया था. शीर्ष सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि परिसीमन आयोग अपने विस्तारित कार्यकाल की समाप्ति से बहुत पहले अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कर सकता है.