राजधानी लखनऊ में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच राहत भरी खबर है. लखनऊ में ऑक्सीजन के चार टैंकर सोमवार सुबह पहुंचे. बोकारो ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन एक्सप्रेस की दूसरी रेक सोमवार सुबह 6:40 बजे लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची. चार टैंकरों में से हर टैंकर में 15 हजार लीटर ऑक्सीजन है. एक टैंकर से करीब 30 हजार मरीजों को ऑक्सीजन मिल सकती है. इन टैंकरों को प्रदेश के चार जनपदों में बेजा जाएगा. एक रैक बरेली के लिए 7:45 बजे रवाना हुई. वहीं दूसरी रैक झांसी, तीसरा रैक लखनऊ के सरोजनीनगर प्लांट भेजा गया. वहीं चौथा टैंकर बाराबंकी भेजा गया.
चारों टैंकरों में लगाए गए जीपीएस सिस्टम
लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन पर रैक पहुंचने के बाद सभी टैंकरों में जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम लगाया गया. जहां हर टैंकर की निगरानी लखनऊ के लोक भवन से किया जाएगा. ताकि टैंकर से सड़क मार्ग के जरिए ऑक्सीजन सप्लाई में कोई दिक्कत न होने पाएं.
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गैस लेना से किया मना
ऑक्सीजन एक्सप्रेस से आया टैंकर लखनऊ के नादरगंज स्थित प्लांट पहुंची तो प्लांट के मालिक ने गैस लेने से मना कर दिया. जानकारी के मुताबिक लखनऊ में बोकारो से लिक्विड ऑक्सीजन का ट्रक लखनऊ पहुंचा था. उसके बाद ट्रक को सरोजनी नगर स्थित मुरारी ऑक्सीजन प्लांट के पास लिक्विड ऑक्सीजन के लिए भेजा गया था, लेकिन मुरारी ऑक्सीजन प्लांट लिक्विड टैंक को लेने से मना कर दिया और उसको वापस कर दिया.
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हालांकि दो टैंक बुकरो से आए थे और उनको अलग अलग ऑक्सीजन प्लांट पर थोड़ा थोड़ा लिक्विड चहिए था. लेकिन मुरारी ऑक्सीजन प्लांट ने लिक्विड ऑक्सीजन लेने से मना कर दिया. मुरारी ऑक्सीजन गैस प्लांट के मैनेजर अभिषेक के मुताबिक सरकार की तरफ से ऑक्सीजन कब तक मिल पाएगी इस बारे में कोई लिखित जानकारी नहीं थी. लेकिन हमें लोगों को ऑक्सीजन सप्लाई करनी थी इस वजह से पहले ही लिक्विड ऑक्सीजन का ट्रक मंगा लिया था.उन्होंने कहा कि हमने अपना इंतजाम पहले से ही कर लिया था. इसलिए सरकार का आया हुआ ट्रक वापस कर दिया और खुद के लगाए हुए ट्रक से ऑक्सीजन प्लांट बनाया और ऑक्सीजन का निर्माण शुरू किया.