आगरा में उन बुजुर्गो के लिए, जो किसी भी कारण से खुद से भोजन बनाने में सक्षम नहीं हैं, वे शनिवार को ताजनगरी के एक चैरिटी संगठन सत्यमेव ट्रस्ट द्वारा शुरू की गई एक नई टिफिन सेवा से लाभान्वित होंगे. टिफिन में चावल, चपातियां, सब्जी, दाल, सलाद और मिठाई का एक टुकड़ा होगा. हालांकि यह सेवा नि: शुल्क है, लेकिन अगर कोई कभी संगठन को दान करना चाहता है तो कर सकता है.
सत्यमेव ट्रस्ट के एक अधिकारी, गौतम सेठ ने कहा, 'शहर में दूर-दराज की कॉलोनियों और बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स में, ऐसे बुजुर्ग जोड़े हैं जो अकेले रह रहे हैं, और जिनके पास कोई सुविधा नहीं है या ज्यादा उम्र के कारण शारीरिक रूप से अपना भोजन बनाने में सक्षम नहीं है. टिफिन सेवा उनके पास पहुंच जाएगी। यह स्वैच्छिक है.' उन्होंने कहा, 'हमारे पास शहर में बड़ी संख्या में परिवारों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त संसाधन और बुनियादी सुविधाएं हैं.' भोजन 'मां की रसोई' के प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा स्वच्छता से तैयार किया जाता है, जो केवल 5 रुपये में सैकड़ों लोगों को प्रतिदिन गुणवत्ता वाला भोजन प्रदान करता है.
भारत में मुफ्त टिफिन सेवा अपने आप में अनोखा है. सत्यमेव ट्रस्ट के एक ट्रस्टी अशोक गोयल ने कहा, 'इन दिनों बड़ी संख्या में बुजुर्ग फ्लैटों में अकेले रह रहे हैं, क्योंकि उनके बच्चों ने उन्हें अपनी बेहतर जिंदगी की चाह में छोड़ दिया है. कई लोग अपना दैनिक भोजन तैयार करने के लिए शारीरिक रूप से अयोग्य हैं. हम ऐसे लोगों तक पहुंच रहे हैं. हमने अपने फोन नंबरों को सर्कुलेट किया है. जिन लोगों को सेवा की जरूरत है, उन्हें बस हमें फोन करना होगा.' गोयल ने कहा कि आगरा में स्वैच्छिक एजेंसियों द्वारा समाजसेवा की एक लंबी परंपरा है.
Source : IANS/News Nation Bureau