कई देशों में और भारत के कई राज्यों में आपातकालीन हेल्पलाइन के लिए पहचान रखने वाला 112 नंबर उत्तर प्रदेश में भी आज से लागू हो गया है. प्रदेश में आज से आपात स्थित में 100 नंबर की जगह अब 112 नंबर डायल करना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में एकीकृत आपात सेवा 112 का लोकार्पण और शुभारंभ किया. सरकार की ओर से पुलिस, अग्निशमन, एंबुलेंस और जीवन रक्षा की सभी सुविधाओं को एक प्लेटफार्म पर लाने की कवायद की गई है. सीनियर सिटीजंस की सुरक्षा के लिए भी 'सवेरा' कार्यक्रम के जरिये पहल होगी.
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इस सबंध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने पहले ही आदेश जारी कर चुके हैं. यूपी-100 के एडीजी असीम अरुण के मुताबिक, जनता 26 अक्टूबर से 112 नंबर के जरिए पुलिस के अलावा एंबुलेंस, फायर सर्विस और एसडीआरएफ जैसी जीवन रक्षक एजेंसियों की मदद ले सकेगी. इसी दिन 112 सेवा का इमरजेंसी ऐप भी जारी किया जाएगा. एंबुलेंस सेवा के 108, विमेन पावर लाइन के 1090 और सीएम हेल्पलाइन को भी 112 के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा. 112 सेवा के जरिए पीड़ित और पीआरवी दोनों की एकदम सही लोकेशन मिलेगी.
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एडीजी असीम अरुण ने बताया, अभी तक पीआरवी में तैनात पुलिसकर्मी ही कॉल क्लोज कर देते थे. कंट्रोल रूम में तैनात कॉल टेकर्स को आपात स्थितियों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है. उन्हें पता होगा कि आग में फंसे होने, चोट लगने और डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को कैसे हैंडल करना है. 112 सेवा के लिए पुलिसकर्मियों को कम्युनिटी पुलिसिंग, ज्यादा से ज्यादा लोगों से समन्वय स्थापित करने और समस्या के समाधान के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
Source : डालचंद