गाजियाबाद पुलिस की शर्मनाक करतूत सामने आई है. ढाई लाख न देने पर पुलिस ने एक बिल्डर को शराब तस्कर बनाकर जेल भेज दिया. पीड़ित बिल्डर विक्रम शर्मा एक रिटायर्ड कर्नल का बेटा है, जो मेरठ के गंगानगर थाना इलाके का रहने वाला है. पुलिसकर्मियों पर आरोप लगे थे कि इन्होंने रिश्वत न देने पर मेरठ निवासी रिटायर कर्नल के बेटे को शराब तस्कर बना दिया था.
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पीड़ित बिल्डर विक्रम शर्मा के मुताबिक, 15 जुलाई को उसने एक स्कॉर्पियो कार खरीदी थी, जिसे उनका साला 20 जुलाई को किसी काम से गाजियाबाद लेकर आया था. यहां से लौटते वक्त मुरादनगर थाने की पुलिस ने उसे रोक लिया और उसके साले पर एक्सीडेंट करके भागने के आरोप लगाए. जिसके बाद गाड़ी छोड़ने के लिए ढाई लाख रुपये की मांग की गई.
विक्रम शर्मा ने बताया कि जब इस बात की जानकारी मिली तो वह मुरादनगर थाने पहुंचा. विक्रम ने आरोप लगाए कि मुरादनगर थाने के दरोगा दीपक कुमार व विपिन कुमार के बाद एसओ ने भी उनसे ढाई लाख रुपये मांग की. इतना ही नहीं पैसे न देने पर साले नितिन और उसे शराब तस्करी में जेल भेजने की धमकी दी.
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विक्रम ने बताया कि 20 जुलाई को उसने दरोगा दीपक को 50 हजार रुपये दे दिए, बावजूद इसके पुलिसकर्मियों ने उनके साले को शराब तस्करी में जेल भेज दिया. विक्रम ने बताया कि साले की गिरफ्तारी के दो दिन बाद दर्ज मुकदमे में उन्हें भी शराब तस्कर बनाकर फरार दिखाया गया. जिसकी शिकायत उन्होंने आईजी आलोक कुमार सिंह से की.
इस मामले में दो दरोगा सहित एक कॉन्स्टेबल को आईजी आलोक कुमार सिंह ने निलंबित कर दिया है. मुरादनगर थाने के दरोगा विपिन, दरोगा दीपक और सिपाही सिंह राज को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए. गाजियाबाद के एसपी देहात को जांच दी गई थी. जांच में आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की गई है.
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