सहारनपुर में बालिका खिलाड़ियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. यहां खिलाड़ी Toilet में रख्खा प्रदूषित खाना खाने को मजबूर है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। खेल निदेशालय के तत्वाधान में तीन दिवसीय बालिका कबड्डी प्रतियोगिता में 200 से ज़्यादा खिलाड़ी आए हुए हैं। सहारनपुर के ड़ा भीमराव स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेल निदेशालय उप्र के तत्वाधान में क्षेत्रीय खेल कार्यालय सहारनपुर द्वारा आयोजित सब जूनियर (बालिका) कबड्डी प्रतियोगिता में आए खिलाड़ियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। खिलाड़ियों को स्वीमिंग पूल के साइड में Toilet में खाना रखकर खिलाया जा रहा है । खिलाड़ी प्रदूषित वातावरण में रक्खा खाना व कच्चे चावल खाने को हुए मजबूर हो रहे हैं।
सहारनपुर के ड़ा भीमराव स्पोर्ट्स स्टेडियम में स्पोर्ट्स में खेल निदेशालय उप्र के तत्वाधान में क्षेत्रीय खेल कार्यालय सहारनपुर द्वारा आयोजित सब जूनियर (बालिका) कबड्डी प्रतियोगिता का तीन दिवसीय आयोजन किया गया है। राज्य स्तर की यह कबड्डी प्रतियोगिता 16 सितम्बर से 18 सितम्बर तक चलेगी। जिसमें 16 मंडल की और एक हॉस्टल जो आगरा से आया है कुल मिलाकर 17 टीमें इसमें प्रतिभाग करेंगे। हर टीम से 12 - 12 खिलाड़ी और उनके कोच यहां पर सम्मिलित है। उत्तर प्रदेश कबड्डी एसोसिएशन की तरफ से यंहा पर 20 रेफरी पूरे प्रदेश से आए हुए हैं। सहारनपुर के क्रीड़ाधिकारी से जब पूछा गया कि खिलाड़ियों को कच्चे चावल खिलाए जा रहे हैं तो इस पर क्रीड़ाधिकारी ने सफ़ाई पेश करते हुए कहा कि जब खाना बनाया गया तो हलवाई के चावल ख़राब आ गए थे। क्रीड़ा अधिकारी के अनुसार उस चावल को फिंकवा दिया गया और दोबारा चावल बनवाया गया।
क्रिडाधिकारी सहारनपुर से जब पूछा गया कि toilet में रक्खा खाना खाने से खिलाड़ियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है तो इस पर उन्होंने सफ़ाई दी कि बारिश के कारण स्विमिंग पुल के बराबर में चेंजिग रूम में खाने का सामान रखा गया है। क्योंकि स्टेडियम में चारों तरफ़ निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि वायरल वीडियो के विजुअल्स में साफ़ देखा जा सकता है कि किस तरह से toilet के अंदर ही खाना बनाकर रक्खा गया है और वंहा से खिलाड़ी खाने के लिए खाना लेकर जा रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि इतने बड़े आयोजन में बालिका खिलाड़ियों के स्वास्थ्य के साथ इस तरह से खुलेआम खिलवाड़ करने वाले इन अधिकारियों की कितनी ज़िम्मेदारी बनती है।
Source : Vikas Kapil