गोरखपुर में बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल, ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के संचालकों, डॉक्टर कफील समेत 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, 'योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव की समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए सभी दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए।'
एक अन्य ट्वीट में सीएम कार्यालय ने कहा, 'तत्कालीन प्रिंसिपल, HOD एनेस्थीसिया डॉ. सतीश व प्रभारी 100 बेड AES वार्ड डॉ. कफील व पुष्पा सेल्स के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई की संस्तुति।'
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मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, 'डॉ. राजीव मिश्रा, डॉ. पूर्णिमा शुक्ला, लेखा विभाग के कर्मियों व चीफ फार्मासिस्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तरह कार्रवाई की जाए।'
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत के मामले में मुख्य सचिव राजीव कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा था। कुमार ने मामले की जांच के बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोमवार को सौंप दी थी, जिसके बाद ही चिकित्सा शिक्षा की अपर मुख्य सचिव अनीता भटनागर जैन को हटा दिया गया था।
इस मामले में प्रथम दृष्टया गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पर प्रशासनिक लापरवाही, भ्रष्टाचार और अनदेखी के आरोप पाए गए हैं। जांच में यह भी पाया गया है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी के भुगतान में कमीशनखोरी भी समस्या थी। इसी वजह से पुष्पा सेल्स के 68 लाख रुपये के भुगतान में देरी हो रही थी।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के लेखाविभाग के कर्मचारियों को भी दोषी पाया गया। साथ ही चीफ फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल को भी नामजद किया गया है।
गौरतलब है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी की वजह से लगभग 60 बच्चों की मौत हो गई थी।
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Source : News Nation Bureau