देश में छाई महंगाई की वजह से अब शहर और गांवों में रामलीलाओं का मंचन काफी कम हो रहा है और इसकी वजह से रावण दहन भी प्रभावित हुआ है. बजट के अभाव में रावण के पुतले का कद भी काफी छोटा कर दिया है. दशहरा के त्यौहार पर इस बार गोरखपुर में 50 से 60 नहीं बल्कि महज 20 से 30 फीट के रावण के पुतले का दहन होगा. इसके साथ ही जहां रावण के एक दर्जन पुतलों की डिमांड हर साल होती थी, वहीं अब यह संख्या घटकर महज दो से तीन रह गई है. गोरखपुर के बेनीगंज मुहल्ले में बीती कई पीढ़ियों से रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला बनाने वाले परिवार का कहना है कि उनके यहाँ बनने वाले दशहरे का रावण अपनी ऊंचाई और वजन के लिए जाना जाता था लेकिन सामानों पर छाई मंहगाई की वजह से इस बार वह 20 फीट से लेकर 30 फीट तक के रावण को ही बना रहे हैं. तीन साल पहले तक जहां पर 20 से अधिक जगहों पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों के लिए डिमांड आया करता था.
इस बार महज 3 जगहों से सिर्फ रावण के ही पुतले की डिमांड आई है. इनका कहना है कि इन पुतलों से उनकी लागत भी नही निकलती है लेकिन परम्परा निर्वाह के लिए उनके परिवार के कई लोग इस काम मे जुटे रहते हैं. रावण को बनाने वाले लोगों का कहना है कि पहले जहां 10 हजार में 50 से 55 फुट तक का रावण तैयार हो जाता था. वहीं अब इतने रुपये में महज 25 से 30 फीट तक का ही रावण बन पा रहा है. कई जगह रामलीला में अब रावण दहन के लिए पुवाल से पुतला बनाकर उसमें पटाखे लगाकर रावण दहन का कोरम पूरा कर लिया जाता है.
Source : Deepak Shrivastava