केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के स्मार्ट सिटी की सूची में गोरखपुर का नाम टॉप हंड्रेड में भी नहीं आ पाया है. यह तब है जब सीएम योगी आदित्यनाथ हजारों करोड़ की परियोजनाओं की सौगात गोरखपुर को दे चुके हैं और लगातार गोरखपुर के डेवलपमेंट को लेकर काम जारी है. यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री का प्रयास काफी अच्छा है, लेकिन गोरखपुर नगर निगम के अधिकारी और जिला प्रशासन के लोग स्मार्ट सिटी के सभी मानकों को पूरी तरह से अनदेखा कर देते हैं.
यह भी पढ़ेंः नौकरी पाने का सुनहरा मौका, योगी सरकार लगा रही है रोजगार मेला
शहर में हर तरफ गंदगी का आलम है, नालियां चोक पड़ी है. इसके साथ ही स्वच्छ भारत अभियान का भी कोई असर यहां पर देखने को नजर नहीं आता है. इसके साथ ही सड़कों के किनारे पैदल चलने वाले लोगों के लिए बनी जगहों पर हर तरफ अतिक्रमण हुआ है. ऐसे में गोरखपुर के डेवलपमेंट को लेकर के जो भी प्रयास चल रहे हैं, वह पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रहे हैं और शहर का नाम स्मार्ट सिटी की सूची में नहीं आ पा रहा है.
यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद बीजेपी करने जा रही अब ये काम
गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी की टॉप टेन रैंकिंग में मात्र उत्तर प्रदेश का एक शहर शामिल है. रैंकिंग में कानपुर शहर आठवें पायदान पर है. जबकि देश के 100 शहरों की स्मार्ट सिटी रैंकिंग में राज्य के मात्र 10 शहर ही हैं. इसमें आगरा को 11वां, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 13वां, लखनऊ को 45वां, प्रयागराज को 51वां, अलीगढ़ को 55वां, झांसी को 60वां, बरेली को 89वां, सहारनपुर को 96वां और मुरादाबाद को 97वां स्थान मिला है.
यह वीडियो देखेंः