गोरखपुर में कोरोना के केस भले ही इस समय कम हो गए हो. लेकिन अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं. गोरखपुर में अगर कुल एक्टिव केस की बात करें तो अभी 100 लोग इससे पीड़ित हैं और हर रोज 15 से 20 नए केस आ रहे हैं. हालांकि सरकारी प्रयासों की वजह से इस समय गोरखपुर में कोविड से निपटने के लिए व्यवस्थाएं पूरी तरह से चाक चौबंद हैं. इन्हीं व्यवस्थाओं की स्थिति को जांचने के लिए गोरखपुर में एक मॉक ड्रिल स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया, जिसमें गोरखपुर के टीबी अस्पताल में बने कोविड सेंटर में एक काल्पनिक मरीज को लाकर भर्ती किया गया और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ साथ मेडिकल स्टाफ की सक्रियता को भी जांचा परखा गया.
अस्पतालों में मॉक ड्रिल
अस्पताल में जीवन रक्षक दवाएं, आइसीयू और ऑक्सीजन प्लांट किस तरह से काम कर रहा है. इसकी भी जांच अधिकारियों ने की. अधिकारियों ने किसी भी तरह की आपदा के अवसर पर स्वास्थ्य सेवाओं के हर तरह से तैयार होने की बात कही. गोरखपुर के सीएमओ का कहना है कि केस भले ही कम हुए हो, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी भी पूरी तरह से मुस्तैद है और इसी मुस्तैदी को जांचने के लिए आज गोरखपुर के कई शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में यह मॉक ड्रिल कराया जा रहा है.
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वायरस जनित बीमारियों से निपटने की तैयारी
प्रदेश सरकार भी लगातार पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सक्रिय रहने और कोविड के साथ-साथ मंकीपॉक्स या दूसरे वायरस जनित बीमारियों से निपटने के लिए अपने सिस्टम को जांच रही है.
HIGHLIGHTS
- गोरखपुर में सचेत है स्वास्थ्य महकमा
- किसी भी तरह की बीमारी से निपटने की पूरी तैयारी
- अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा औचक निरीक्षण