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गोरखपुर में क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस का नया प्रयोग, थानों पर दुराचारी सभा का आयोजन

गोरखपुर में अपराध और अपराधियों के रोकथाम के लिए पुलिस लगातार प्रयोग कर रही है। इसी कड़ी में इस समय हर रविवार को जिले के सभी थानों पर दुराचारी सभा का आयोजन किया जा रहा है।

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Mohit Sharma
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Gorakhpur police

Gorakhpur police ( Photo Credit : News Nation)

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गोरखपुर में अपराध और अपराधियों के रोकथाम के लिए पुलिस लगातार प्रयोग कर रही है। इसी कड़ी में इस समय हर रविवार को जिले के सभी थानों पर दुराचारी सभा का आयोजन किया जा रहा है। दुराचारी सभा के जरिए थाना क्षेत्र के सभी पंजीकृत हिस्ट्रीशीटर की क्लास थानेदार द्वारा ली जाती है। हर रविवार को थानों पर लगने वाले इस दुराचारी सभा में उस एरिया के सभी चिन्हित हिस्ट्रीशीटर में से कम से कम 25 फीसदी का वेरिफिकेशन होता है। एक बार में जो हिस्ट्रीशीटर थाने पर नही पहुंचता है उसे दूसरे रविवार को बुलाया जाता है। इसी तरह से यह प्रक्रिया चलती रहती है।

 लगातार 4 सप्ताह तक अगर कोई हिस्ट्रीशीटर नहीं पहुंचता है तो फिर थाने पर उसके जमानतदारों की सभा आयोजित की जाती है जहां पर संबंधित हिस्ट्रीशीटर की जमानत देने वाले लोगों को बुलाया जाता है और उनके जरिए संबंधित हिस्ट्रीशीटर की हाजिरी लगवाई जाती है। अगर वह भी इसमें नाकाम रहते हैं तो हिस्ट्रीशीटर के साथ-साथ उनकी जमानत देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाती है। हिस्ट्रीशीटर की गैर हाजिरी को लेकर पुलिस यह मान लेती है कि हिस्ट्रीशीटर अभी भी किसी अपराध में लिप्त है, इसलिए उसकी जमानत भी खारिज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है और उसके शरणदाता और मददगार भी पुलिसिया कार्रवाई की जद में आ जाते हैं।

 दुराचारी सभा के आयोजन के दौरान संबंधित थानेदार वहां पर आने वाले दुराचारियों की वर्तमान स्थिति, उसके कामकाज का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज करते हैं और उन्हें दोबारा अपराध की दुनिया में जाने से रोकते हैं। गोरखपुर के 28 थानों में दर्ज कुल हिस्ट्रीशीटर की संख्या 1500 है। जिनमे से 81 के खिलाफ तीन साल में कोई केस नही दर्ज हुआ है। पुलिस की जांच में कुल इनएक्टिव हिस्ट्रीशीटर 546 हैं। थानों पर इस सभा में आने वाले हिस्ट्रीशीटरों का कहना है कि इसके पहले भी पुलिस उनको बुलाती थी और थाने बुलाकर उन्हें किसी न किसी मामले में इंवॉल्व बता उन्हें जेल भेज दिया जाता था लेकिन अब इस नई सभा के जरिए उनसे पुलिस अच्छे तरीके से पेश आती है और उनकी हाजिरी लेकर उन्हें दोबारा क्राइम की दुनिया में जाने से रोकती है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि दुराचारी सभा के जरिए थाने से जुड़े सभी पुराने अपराधियों पर पुलिस नजर रखती है और उन्हें पुलिस का सहयोग करने के लिए भी ट्रेंड किया जाता है। इस कार्यक्रम के जरिए पुलिस जहां अपना मुखबिर तंत्र मजबूत करने की कोशिश कर रही है वही अपराध छोड़ चुके लोगों को सुधरने का एक मौका भी दे रही है। 

Source : News Nation Bureau

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