गोरखपुर: क्यूआर कोड के जरिये जनता तय करेगी पुलिसवालों का कैसा है व्यवहार?

गोरखपुर जोन के 11 जिलों की पुलिस कैसा काम कर रही है, जनता के बीच पुलिस की छवि कैसी है, इसको जानने के लिए गोरखपुर के एडीजी जोन अखिल कुमार ने पब्लिक फीडिंग की एक नई शुरुआत की है जिसको यूपी डीजीपी ने भी सराहा है।

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Mohit Sharma
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QR Code ( Photo Credit : सांकेतिक ​तस्वीर)

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गोरखपुर जोन के 11 जिलों की पुलिस कैसा काम कर रही है, जनता के बीच पुलिस की छवि कैसी है, इसको जानने के लिए गोरखपुर के एडीजी जोन अखिल कुमार ने पब्लिक फीडिंग की एक नई शुरुआत की है जिसको यूपी डीजीपी ने भी सराहा है। सोशल मीडिया के जरिए जनता का फीडबैक लेने की एडीजी की इस परफॉर्मेंस चेक प्रोग्राम की चर्चा पुलिस हेडक्वार्टर लखनऊ तक पहुंच गई है। एडीजी जोन की टीम पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम से जनता का फीडबैक लेकर तीन बार गोरखपुर जोन के 11 जिलों की पुलिस का मूल्यांकन कर चुकी है। जोन की पुलिस का जून माह का परफार्मेंस जानने के लिए इस समय 1 से 7 जुलाई तक पब्लिक का फीडबैक लिया जा रहा है। इस बार इस सर्वे में आम लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए एडीजी ने पोल क्यूआर कोड भी जारी कर दिया है जिससे पोल करना और भी आसान हो गया है। अभी तक गोरखपुर जोन के 11 जिलों में थाना प्रभारियों का भी मूल्यांकन किया जा रहा था, लेकिन गोरखपुर में नहीं हो रहा था।

अब इस क्यूआर कोड के जरिये यहां के थाना प्रभारियों का भी मूल्यांकन इसी तरह कराया जा रहा है। न्यूज़ स्टेट/न्यूज़ नेशन से बात करते हुए एडीजी जोन अखिल कुमार ने बताया कि जनता का जो भी फीडबैक पुलिस के लिये आता है उसकी जोन कार्यालय में पूरी मोनिटरिंग की जा रही है। अगर पुलिस को पब्लिक फीडबैक में अच्छी रैंक मिली है तो उसे दूसरे महीने में और बढ़ाने का लक्ष्य दिया जा रहा है। वहीं जिस थाने के लिए पब्लिक का फीडबैक खराब आता है तो वहां के प्रभारी को इसे सुधारने के लिए कहा जाता है और अगर वह फिर भी नहीं सुधरा तो उन्हें वार्निंग दी जाती है। इसके बाद भी अगर सुधार नहीं आया तो तीसरी बार उन्हें हटा दिया जाएगा। इस सर्वे में अधिक से अधिक लोग वोट कर सकें इसके लिए क्यूआर कोड भी जारी कर दिया गया है। 

सभी 11 जिलों के थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ इस क्यूआर कोड को अपने क्षेत्र के भीड़ भाड़, बाजार, बैंक एटीएम में चस्पा करवाएंगे और थाना प्रभारियों का इसी तरह मूल्यांकन कराया जाएगा। एडीजी का कहना है कि इस सर्वे में आम लोगों की भागीदारी बहुत अच्छी देखने को मिल रही है और लोगों की पसंद के हिसाब से थानों में प्रभारियों की तैनाती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 

Source : Deepak Shrivastava

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