रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहन के बीच प्रेम का प्रतीक माना जाता है. राखी के इस त्यौहार पर सरहदों की रखवाली पर तैनात हमारे सैनिकों को भी अपने बहनों की याद आती है, पर वह चाहकर भी अपनी बहनों के पास नही जा सकते हैं क्योंकि इनका पहला फर्ज भारत के सरहदों की रक्षा करना है. ऐसे में इन सैनिक भाईयों की सूनी कलाईयों को अपनी राखी से भरने का जिम्मा इस समय गोरखपुर की युवतियों और महिलाओं ने उठाया है. आज इन महिलाओं ने गोरखपुर के एसएसबी हेडक्वार्टर में तैनात जवानों और अधिकारियों की कलाई पर राखी बांधा और उनकी लम्बी उम्र की कामना की. इनका कहना है कि आज इन सैनिक भाईयों को राखी बांधकर उनको बहुत अच्छा लगा. यह सभी बिना किसी स्वार्थ के देश की सभी बहनों की रक्षा के लिये रात दिन डटे रहते हैं, और इनको अपना भाई बनाकर आज इनका भी मान बढ़ गया है.
टेराकोटा की राखियां जवानों को बांधी
इन महिलाओं ने जवानों को पूरे रीति रिवाज से राखी बांधी और उनकी आरती उतारी. तथा उनसे अपनी तथा भारत माता की रक्षा का वचन लिया. इन्होंने जो राखी बांधी वह भी गोरखपुर में स्पेशल बनी टेराकोटा की राखियां थी जो मिट्टी की बनी हुई थी. वहीं इन बहनों से राखी बंधवाकर आज एसएसबी के जवान और अधिकारी भी काफी खुश और भावुक दिखे. इनका कहना है कि इन बहनों ने उनको राखी बांधकर घर की कमी को पूरा कर दिया है और आज इनको देखकर उनको अपने बहनों की याद भी आ रही है.
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हर साल जवानों को राखी बांधती हैं बहनें
सीमा पर तैनात जवानों को यह महिलाएं और लड़कियां हर साल राखी के अवसर पर रक्षाबंधन बांधती हैं और क्या जवान, क्या अधिकारी सभी इनको सच्चे दिल से अपनी बहन का दर्जा देकर इनकी रक्षा का वचन देते हैं. हालांकि पूरे देश में राखी का त्यौहार 11 अगस्त को मनाया जायेगा पर इन जवानों को राखी के पहले ही इन छोटी बहनों ने जो सौगात दी है. वह इनके लिये सबसे बड़ी खुशी है और इनके चेहरों पर छाई खुशी को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि रेशम के इन धागों का महत्व इन सैनिकों के लिये कितना ज्यादा होगा.
HIGHLIGHTS
- गोरखपुर में एसएसबी जवानों को बहनों ने बांधी राखी
- टेराकोटा से बनी राखियां कलाई पर बंधी
- हर साल जवानों को राखी बांधती हैं बहनें