कोरोना काल के दौरान पंचायत चुनाव में मृत सभी सरकारी कर्मियों के आश्रितों के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने पंचायत चुनाव के दौरान सरकारी कर्मियों के परिवारीजन को 30-30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. इसके लिए राज्य सरकार ने पहले के नियमों में बदलाव किया है. सोमवार को हुए कैबिनेट बाइ सर्कुलेशन में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. राज्य सरकार ने जो बदलाव किया है, उसके मुताबिक अगर चुनाव ड्यूटी के 30 दिन के भीतर किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो उसके आश्रित को मुआवजा दिया जाएगा. बदलाव के बाद पोस्ट कोविड के मामलों में भी मृतकों के आश्रितों को लाभ मिल सकेगा.
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से 1000 से 1200 कर्मचारियों के आश्रितों को लाभ मिल सकेगा. पुराने नियम के तहत सिर्फ 74 मृतक आश्रितों को ही इसका फायदा मिल रहा था. नए नियम में यह माना गया है कि अगर चुनाव ड्यूटी में लगने के एक महीने के भीतर किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो उसके आश्रित को 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से जो नियमों में बदलाव किया गया है. उसमें माना गया है कि 90 प्रतिशत मामलों में बीमारी लक्षण रहित होने की वजह से 2-14 दिन में बीमारी का पता लगना मुश्किल होता है.
कई बार एंटीजन, आरटीपीसीआर रिपोर्ट में भी बीमारी की पुष्टि नहीं होती है. ऐसे में सरकार ने मृत्यु की तारीख को ही आधार बनाया जाना चाहिए. नियमों में बदलाव के लिए कोविड-19 के ऊपर हुए शोधों का भी हवाला दिया गया है, जिसमें माना गया है कि संक्रमण होने के 28 दिन के भीतर मरीज की मृत्यु होती है. इसलिए राज्य सरकार ने इस अवधि को 30 दिन रखा है. इसमें पोस्ट मामले से हुई मृत्यु को भी इसी श्रेणी में रखा गया है.
शिक्षक संघ ने दावा किया है कि कोरोना के दौरान चुनाव में ड्यूटी करने से बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य कर्मी कोरोना से संक्रमित हो गए. शिक्षक संघ ने कहा कि 1600 से ज्यादा कर्मियों की संक्रमण से ड्यूटी के दौरान ही मौत हो गई. शिक्षक संघ ने सभी मृतकों के परिवार के लिए एक-एक करोड़ मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है. संघ ने मृतक शिक्षकों और विभाग के कर्मचारियों की लिस्ट भी शासन को भेजी है.
Source : News Nation Bureau