उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को राजभवन में कोरोना महामारी के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं के सम्मान समारोह कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लॉकडाउन शुरू होने के पश्चात प्रदेश और देश में अभूतपूर्व संकट का सामना आम जनता व प्रवासी श्रमिकों को करना पड़ा. ऐसी विकट परिस्थिति में राज्य सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं ने मिलकर उनके भोजन, ठहरने व गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में परिवहन की व्यवस्था करके उन्हें हर तरह से मदद पहुंचायी. उसके लिए लखनऊ के जिलाधिकारी व यहां की स्वयं सेवी संस्थाएं बधाई की पात्र हैं.
ऐसी संस्थाओं का सम्मान करना हमारे लिए भी गौरव की बात है. राज्यपाल ने कहा कि राजभवन ने भी राजभवन के आस-पास तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए चाय, नाश्ता व भोजन का प्रबन्ध कराया. केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा समय रहते सुरक्षात्मक एवं आवश्यक कदम उठाने से प्रदेश में कोरोना से हुई मृत्यु दर देश में सबसे कम है. जो यह दर्शाता है कि हमारे निजी अस्पतालों, चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ ने 8-8 घंटे पीपीई किट पहने, बिना कुछ खाये पिये मरीजों की जो देखभाल व सेवा की, यह उसी का परिणाम है.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने आपदा को अवसर में बदलने का मौका दिया और भारत पीपीई किट और मास्क बनाने में आत्मनिर्भर बना. दुनिया के अनेक देशों में यहां से दवा भेजने का भी मौका मिला. यह संस्कृति और संस्कार भारत में है और यहां के लोगों में भी है कि वे संकट में फंसे पड़ोसी की मदद करें. राज्यपाल ने कोरोना महामारी के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली 21 स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
Source : News Nation Bureau