उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग ने ग्राम प्रधानों का पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्य की सभी 58,656 ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं. सहायक विकास अधिकारियों (एडीओ) को सभी पंचायतों में प्रशासक बनाया गया है, जबकि सरकार ने किसी भी धोखाधड़ी को रोकने के लिए ई-ग्राम स्वराज के पोर्टल से ग्राम प्रधानों के डिजिटल हस्ताक्षर हटा दिए हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग अब पंचायत चुनावों की तैयारी कर रहा है और संभावना है कि चुनाव अगले साल के शुरू में चार चरणों में हो सकते हैं. ग्राम प्रधानों, सदस्य ग्राम सभा, सदस्य क्षेत्र पंचायत और सदस्य जिला पंचायत के चुनाव एक साथ होंगे. वर्तमान में, मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है और अंतिम मतदाता सूची अगले महीने प्रकाशित होने की उम्मीद है. ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हुआ जबकि क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत कार्यकाल क्रमश: 14 जनवरी और 18 मार्च को समाप्त हो रहे हैं.
एससी, और ओबीसी के लिए वाडरें के परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया अगले साल फरवरी के तीसरे सप्ताह तक पूरी हो जाएगी और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा वाडरें का आरक्षण पूरा होते ही चुनाव अधिसूचना जारी करने की संभावना है.
विकास खंड के सहायक विकास अधिकारियों को ग्राम सभा के प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया है, एसडीएम को ब्लॉक प्रमुख के स्थान पर नियुक्त किया जाएगा और जिला मजिस्ट्रेट जिला पंचायत का प्रशासक होगा.
Source : IANS/News Nation Bureau