उत्तर प्रदेश के झांसी से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां सीधे तौर पर प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली है. शनिवार को राज्य में पंचायत उपचुनाव हुए, जिसमें एक ऐसे शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई, जिसकी बीते दिनों कोरोना वायरस के चलते मौत हो चुकी थी. असंवेदनशील जिला प्रशासन ने मृतक शिक्षक के नाम की चुनावी ड्यूटी की स्लिप भी जारी कर द, जिसमें उसे प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने का निर्देश दे दिया गया और गैरहाजिर होने पर कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया गया. झांसी प्रशासन की इस हरकत से मृतक शिक्षक के परिजन रोष में हैं.
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दरअसल, उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों में रिक्त विभिन्न पदों पर निर्वाचन के लिए शनिवार को मतदान हुआ. ललितपुर तथा कासगंज को छोड़कर बाकी 73 जिलों में वोट पड़े. झांसी में भी शनिवार को पंचायत के उपचुनाव हुए. लेकिन जिला प्रशासन ने उपचुनाव में उस शिक्षक की भी ड्यूटी लगाई, जिसकी कुछ दिनों पहले कोरोना वायरस से जान चली गई थी, वो भी चुनाव ड्यूटी के दौरान ही. झांसी में पिछले महीने कोरोना से मृत बेसिक शिक्षा विभाग के सहायक अध्यापक सौरव कुमार तलैया को चुनाव में ड्यूटी संबंधी फरमान जारी किया गया.
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जिला प्रशासन ने मृतक शिक्षक सौरव कुमार के नाम की चुनावी ड्यूटी की स्लिप जारी कर प्रशिक्षण में शामिल होने का निर्देश दिया. प्रशासन ने चुनाव ड्यूटी पत्र में मृतक सौरव को झांसी के विकासखंड मौठ की पोलिंग पार्टी संख्या 81 में मतदान अधिकारी प्रथम के तौर पर नामित किया था. उनको 10 जून को प्रशिक्षण के लिए दोपहर 12 बजे उपस्थित होने के लिए भी कहा गया था. साथ में ट्रेनिंग में ना आने पर मृतक सौरव को विभागीय कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया गया. मृतक शिक्षक के परिजनों को जब आदेश की कॉपी मिली तो उनके जख्म फिर से हरे कर दिए. प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर परिजनों में गुस्सा है.
HIGHLIGHTS
- झांसी जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही
- मृतक शिक्षक की लगाई चुनाव में ड्यूटी
- इस हरकत से मृतक के परिजनों में रोष