उत्तर प्रदेश में स्थित इटावा लॉयन सफारी पार्क गुजरात से आ रहे सात शेरों के स्वागत की तैयारी कर रहा है. इनमें से तीन शेर बाद में गोरखपुर में प्रस्तावित चिड़ियाघर भेज दिए जाएंगे. पहले सफारी पार्क में आठ शेर भेजे जाने वाले थे लेकिन हाल ही में पशु चिकित्सकों की दो टीमों ने जूनागढ़ चिड़ियाघर का दौरा कर वहां एक शेरनी को न्यूरोलॉजिकल संबंधित समस्याओं से पीड़ित पाया.
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अन्य दो शेर हालांकि पूरी तरह स्वस्थ पाए गए और उनके स्वास्थ्य प्रमाण पत्र राज्य सरकार के पास पहुंच गए हैं. इटावा सफारी के निदेशक वी.के. सिंह ने कहा, " जूनागढ़ चिड़ियाघर से बहुत जल्द यहां सात शेर आएंगे जिनमें पांच मादा होंगे."
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उत्तर प्रदेश लाने से पहले शेरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है. इससे पहले पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार को तब शर्मिदगी का सामना करना पड़ा था जब 2013 से 2015 के बीच गुजरात से लाए गए 10 शेरों में से पांच शेर 2014 से लेकर 2016 के बीच मर गए थे.
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शेर केनाइन डिस्टेंपर वायरस के संपर्क में आ गए थे जो घरेलू और वन्य जीवों के श्वसन, गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल और तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है. इस बार जूनागढ़ से शेर गुजरात की विजय रुपाणी सरकार की ओर से उपहार है, गुजरात सरकार ने 11 जून को शेर उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दिए.
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तबसे सफारी को अमेरिका स्थित सैन डियागो चिड़ियाघर से लाई गई दवाई से स्वच्छ किया जा रहा है.सूत्रों ने कहा कि शेरों पहले इटावा 22 मई को लाया जाने वाला था, लेकिन तेज गर्मी के कारण वन विभाग को अपना कार्यक्रम आगे बढ़ाना पड़ा. अब शेरों के जुलाई के अंत तक इटावा पहुंचने की उम्मीद है.
Source : IANS