गुरु शिष्य परंपरा का पर्व गुरु पूर्णिमा आज गोरक्षपीठ में बेहद श्रद्धा के साथ मनाया गया. गोरक्षपीठ के दिग्विजयनाथ सभागार में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 1500 नाथ योगियों, साधू सन्यासियों और बीजेपी तथा हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी और उनके जीवन में उन्हें आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गोरक्ष पीठ से जुड़े हुए महंत कमलनाथ, महंत रविन्द्रदास और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर यूपी सिंह को सम्मानित किया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में कहा कि जितने भी पर्व या आयोजन हैं वो मानव कल्याण के मार्ग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
हमने आदि गुरु के रूप में वेद व्यास को सम्मान दिया है और व्यास पूर्णिमा ही गुरु पूर्णिमा है। व्यक्ति के जीवन मे मां बाप, भाई बहन, शिक्षक, बुजुर्गों के साथ शिक्षा और दीक्षा गुरु का बड़ा महत्व होता है. व्यास की गद्दी भारत की परंपरा में सर्वोच्च गद्दी होती है। सीएम योगी ने कहा कि अगर हमारे मन मे श्रद्धा नही है तो हम किसी कार्यक्रम से नही जुड़ पाएंगे. यह श्रद्धा हमारी सोच से आता है. जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि. हमारी सोच सकारात्मक होगी तो हर जगह सकारात्मक दिखाई देती है और हर समस्या का निवारण दिखता है.अगर समाधान की तरफ आगे बढ़ना है तो बहाना कोई मायने नही रखता। जब किसी कार्य से पहले समस्या गिनाने लग जाएंगे तो कार्य पूर्ण नही हो सकता.
सीएम योगी ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में 5 श्रेणी के गुरु हो सकते हैं... माता पिता, बड़े भाई बहन, समाज के प्रबुद्ध जन और बड़े बुजुर्ग, शिक्षा का गुरु और पांचवा दीक्षा का गुरु होता है. अवसर सबको प्राप्त होता है, उसे अपने अनुकूल बनाकर आगे बढ़ने वाला व्यक्ति सफल होता है। यहां पर आए लोगों से सीएम ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारी पीढ़ी आज़ादी के 75 साल के इस आयोजन की साक्षी बन रही है। इस आयोजन के साथ सबको जुड़ना चाहिए। शासन और स्थानीय स्तर पर कई कार्यक्रम बनेंगे जिसमें आम सहभागिता होनी चाहिए. आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना के लिए अभी से तैयारी शुरू होगी. अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण हर घर मे तिरंगा होगा. हर व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में अगर अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करे तो भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा.
Source : Deepak Shrivastava