Gyanvapi: ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास तहखाने में पूजा की इजाजत मिल चुकी है. इसके बाद बुधवार को देर रात व्यास तहखाने में मूर्तियां रखकर पूजा आरंभ हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर व्यास जी के तहखाने में पूजा के अधिकार के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. अंजुमन इंतजामिया कमिटी ने इस पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है. वहीं निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी है. आपको बता दें कि हिंदू पक्षकार पहले ही केविएट दाखिल कर चुके हैं.
15 दिनों तक आदेश को लागू नहीं किया जाना चाहिए
ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार फिर से वाराणसी जिला अदालत में पहुंच चुका है. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से 15 दिनों की मोहलत मांगी है. इस याचिका में ऐसा कहा गया है कि 15 दिनों तक आदेश को लागू नहीं किया जाना चाहिए. पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को लेकर समय मांगा है.
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इससे पहले पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
गौरतलब है कि इससे पहले ज्ञानवापी मामले को लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने जिला न्यायाधीश के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें हिंदू पक्ष को मस्जिद के सीलबंद तहखाने के अंदर पूजा करने की इजाजत दी गई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद समिति ने कल रात सुप्रीम कोर्ट के वेकेशन रजिस्ट्रार से संपर्क किया. इस दौरान आदेश के 7 घंटे के भीतर वाराणसी प्रशासन द्वारा रातोंरात इसके कार्यान्वयन की वजह से तुरंत सूचीबद्ध करने की मांग की थी.
वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया
मुस्लिम पक्ष की कानूनी टीम में वकील फुजैल अय्यूबी, निजाम पाशा और आकांशा शामिल थे. उन्होंने गुरुवार की सुबह 3 बजे सुप्रीम कोर्ट के वेकेशन रजिस्ट्रार से संपर्क किया. उसने वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया. इस तरह से वे कानूनी उपाय तलाश सकेंगे. रजिस्ट्रार ने सुबह के 4 बजे भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष दस्तावेज रखे. कागजात देखने के बाद सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष से किसी तरह की राहत को लेकर मामले का उल्लेख इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सामने रखने को कहा.
Source : News Nation Bureau