बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले सीबीआई स्पेशल कोर्ट से बरी अडवाणी मुरली मनोहर जोशी आदि को बरी किए जाने के विरुद्ध हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच रिविजन दाखिल. पक्षकार गवाह अयोध्या के हाजी महबूब ने दाखिल की याचिका. सुनवाई अगले सप्ताह होने की सम्भावना है. इस मामले में लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. उनका कहना है कि सीबीआई की अदालत के द्वारा फैसला सही नहीं दिया गया.
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दरअसल, बाबरी विध्वंस के पैरोकार हाजी महबूब ने कहा है कि सभी जानते हैं कि इन्हीं लोगों (बीजेपी नेताओं) के कहने पर ही मस्जिद गिराई गई थी. बाबरी विध्वंस के आरोपी में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार सहित कई मुख्य हैं. इसके साथ ही हाजी महबूब ने राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण से आपत्ति नहीं है, लेकिन बाबरी विध्वंस के सभी आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए.
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मालूम हो कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने सितंबर 2020 में अपना फैसला सुनाया था. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि विवादित ढांचा विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. सिर्फ तस्वीरों से आरोपियों के घटना में शामिल होने का सबूत नहीं मिल जाता.
Source : News Nation Bureau