हाथरस के सिकंदरा राव के फुलरई में हुए सत्संग हादसे में 121 से अधिक लोगों की जान चली गई. जान गंवाने वाले परिवार के लोगों में मातम पसरा हुआ है. एक परिवार ने अपने तीन सदस्यों को इस हादसे में खो दिया. हाथरस के सोखना गांव का ये पीड़ित परिवार है. परिवार के मुखिया से जब न्यूज नेशन ने बातचीत की तो उनकी आंखों में आंसू थे. परिवार में मातम पसरा हुआ है, क्योंकि सत्संग हादसे में इस परिवार के तीन सदस्यों की जान चली गई. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी, उनकी 9 साल की बेटी और उनकी माताजी सत्संग सुनने के लिए गई थी. तीनों ही वापस नहीं आई. खबर आई तो उनके मृत होने की. इसके बाद से इस परिवार में मातम का माहौल है.
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5 से 6 वर्ष से इस बाबा को मानती थीं
परिवार की मुखिया का यह कहना है कि बाबा ढोंगी है इस तरह के सत्संग बंद होने चाहिए. उन्होंने बताया कि उनकी माता जी 5 से 6 वर्ष से इस बाबा को मानती थीं. बाकी परिवार का कोई सदस्य बाबा को नहीं मानता था लेकिन बावजूद उनकी माताजी ,पत्नी और 9 साल की बेटी संग सत्संग में चली गईं. इसके बाद हादसे की यह खबर आई. भगदड़ मच गई और इसमें परिवार के तीनों ही सदस्यों की मौत हो गई.
सोखना गांव में कुल चार की मौत
इस गांव में बाबा को मानने वाले लोगों की बड़ी संख्या है. सोखना गांव में कुल चार मौत हुई हैं. इनमें से तीन मौत इस परिवार की हुई है और एक अन्य मौत एक और महिला की इसी गांव के अंदर हुई है. अब इस परिवार का यही कहना है कि बाबा को सलाखों के पीछे डालना चाहिए. उसे सजा मिलनी चाहिए और इस तरह के सत्संग बंद होने चाहिए.
भगदड़ में 121 लोगों की मौत
हाथरस में बीते दिनों सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि बाबा जहां से चल कर बाहर निकले, उसकी धूल को पाने के लिए लोग एक दूसरे पर चढ़ गए और भगदड़ का माहौल देखा गया. इस दौरान कई महिलाओं की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बाबा के चरण की धूल को लेने के लिए लोग झपट पड़े. गांव वाले इसे आशीर्वाद की तरह देखते हैं.
Source : News Nation Bureau