हाथरस मामले (Hathras Case) की आड़ में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Government) को बदनाम करने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी. हालांकि सरकार की सतर्कता से सूबे में जातीय और सांप्रदायिक दंगे (Riots) भड़काने की साजिश नाकाम हो गई. दंगे भड़काने के लिए अफवाहों और फर्जी सूचनाओं का सहारा लेते हुए सोशल मीडिया (Social Media) का दुरूपयोग किया गया. इसका प्रमाण मिलने पर लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर साजिश में पीएफआई, एसडीपाई और सरकार के निशाने पर रहे माफियाओं की मिलीभगत के ठोस सुराग मिले हैं. बताते हैं कि प्रदेश में अराजकता पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग भी की गई.
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सीएए के उपद्रव में शामिल संगठन हैं साजिश में
सूत्र बताते हैं कि जांच एजेंसियों को साजिश में सीएए के उपद्रव में शामिल रहे संगठनों की भूमिका के भी सबूत मिले हैं. इस साजिशकर्ताओं में उपद्रवियों के पोस्टर, उपद्रवियों से वसूली और इस सिलसिले में घरों की कुर्की कराने जाने की सीएम योगी की कड़ी कार्रवाइयों से परेशान तत्वों ने रची थी यूपी में बड़ी साजिश. इसके तहत हाथरस मामले में पीड़ित लड़की की जीभ काटने, अंग-भंग करने और गैंगरेप से जुड़ी तमाम अफवाहें उड़ा कर नफरत की आग भड़काने की कोशिशें की गईं. अफवाहों को फैलाने के लिए ढेरों वैरिफाइड सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया. अब जांच एजेसियां वैरिफाइड एकाउंट का ब्यौरा तैयार करने में जुटीं हैं.
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साइबर सेल ने दर्ज किए गए मामले
सूत्र बताते हैं कि जांचकर्ताओं को यह तथ्य भी हाथ लगा है कि अफवाहें फैलाने और नफरत पैदा करने के लिए चंडीगढ़ की घटना की मृतका की तस्वीरें हाथरस की बेटी की बता कर वायरल की गईं. यही नहीं, एक बड़े चैनल के स्क्रीन शाट से छेड़छाड़ करके तैयार किए गए नफरत भरे पोस्टर पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. यूपी साइबर सेल ने करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए हैं. आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमें सक्रिय हो चुकी हैं.
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पीड़ित परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काया
बताते हैं कि हाथरस के पीड़ित परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने की साजिश का भी पर्दाफाश हुआ है. सबूत के तौर पर कई ऑडियो टेप मिले हैं. इनकी प्रारंभिक जांच में ऑडियो टेप में कुछ राजनीतिक दलों के साथ ही कुछ पत्रकारों की भी आवाज मिली है. इन ऑडियो टेप से ही राज खुला है कि पीड़ित परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने के लिए पचास लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक का लालच दिया गया.
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पत्रकार की भूमिका भी आ रही सामने
ऑडियो टेप से खुलासा हुआ है कि एक महिला पत्रकार ने सीएम की पीड़ित परिवार से बातचीत के तुरंत बाद परिवार को भड़काया. उसने कहा कि अगर सीएम की बात मान ली तो पुलिस तुम्हें ही अपराधी साबित कर देगी. इस बातचीत के बाद परिवार दहशत में आ गया. अब ऑडियो टेप की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आते ही भड़काने वालों का पोलीग्राफ और नार्को की तैयारी में जांच एजेंसियां जुट गई हैं.