उत्तर प्रदेश में मुथरा की एक अदालत ने केरल के एक पत्रकार और तीन अन्य की न्यायिक हिरासत मंगलवार को बढ़ा दी. उन्हें हाथरस (Hathras Case) जाने के दौरान रास्ते में गिरफ्तार किया गया था. ये लोग हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और फिर उसकी मौत के बाद वहां जा रहे थे. पुलिस ने इस महीने के शुरू में उन्हें कोई संज्ञेय अपराध करने की मंशा रखने के शक में सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया था लेकिन चारों के खिलाफ बाद में राजद्रोह (Treason) और आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया.
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दो नवंबर तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत
उन्हें सात अक्टूबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. मथुरा की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजू राजपूत ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और तीन अन्य की न्यायिक हिरासत दो नवंबर तक बढ़ा दी. उन्हें उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया था. सहायक अभियोजन अधिकारी ब्रजमोहन सिंह ने बताया कि अदालत ने कहा कि पुलिस ने राजद्रोह और आंतकवाद के मामले में कप्पन, अतीक-उर-रहमान, आलम और मसूद के खिलाफ अभी जांच पूरी नहीं की है.
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पीएफआई से संबंध होने का भी आरोप
उन पर कथित कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उससे संबद्ध संगठनों से संबंध रखने का आरोप है. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह), 153 ए (दो समूहों में धार्मिक आधार पर शत्रुता को बढ़ाना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. चारों पर यूएपीए कानून की धाराएं भी लगाई गई हैं. मथुरा के एक एसडीएम ने पत्रकार और तीन अन्य को समाज में शांति कायम रखने के लिए बांड भरने का सोमवार को आदेश दिया था.