उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के विरोध में देशभर में आक्रोश देखने को मिला है. घटना को लेकर आम जनमानस गुस्से में है और दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहा है. इस बीच मामले की जांच कर रही स्पेशल जांच टीम (एसआईटी) आज राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट आज सौंप सकती है. यूपी सरकार ने एसआईटी को जांच कर रिपोर्ट 7 दिन में सौंपने का वक्त दिया था.
एसआईटी मंगलवार को पांचवी बार हाथरस के बूलगढ़ी गांव में पहुंची और पीड़िता परिवार से मुलाकात की. पहले भी जांच टीम परिवार से मिल चुकी है और उनके बयान भी ले चुकी है. मंगलवार को फिर एसआईटी यहां पहुंची और साथ ही टीम ने घटनास्थल के साथ-साथ पीड़िता के अंतिम संस्कार वाली जगह का मुआयना किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले के तूल पकड़ने के बाद जांच के लिए 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी को 7 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया. एसआईटी को दिया गया समय आज पूरा हो रहा है. ऐसे में आज जांच टीम सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है. अंडर सेक्रेटरी (गृह), भगवान स्वरूप की अगुवाई में दो आईपीएस रैंक के अधिकारियों को मिला कर यह विशेष जांच दल बनाया गया है.
गौरतलब है कि हाथरस के बुलगड़ी गांव में 19 वर्षीय दलित किशोरी के साथ 14 सितंबर को कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. युवती की मौत 29 सितंबर को दिल्ली के सफदर जंग अस्पताल हो गई थी. मौत के बाद परिजनों की रजामंदी के बिना लड़की का अंतिम संस्कार पुलिस ने जबरन रात में करा दिया जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने भी योगी से फोन पर बात कर मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
इस मामले में कई बड़े पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने 2 अक्टूबर को हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी), पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), स्टेशन इंस्पेक्टर और कुछ अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. मंगलवार को मामले में शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर तीन पहलुओं पर एक और हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. साथ ही सुनवाई को अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया है.