एक तरफ हाथरस घटना (Hathras Case) सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के लिए गले की फांस बनी हुई हैं. खासकर यह देखते हुए कि दरिंदगी की इस घटना और पीड़िता की इलाज के दौरान मौत के बाद पुलिस के रवैये को लेकर कांग्रेस (Congress) नीत विपक्ष लखनऊ से लेकर दिल्ली तक जबर्दस्त धरना-प्रदर्शन कर रहा है. आलम यह है कि इसकी तपिश को कम करने के लिए सीएम योगी को हाथरस के एसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करना पड़ा है. दूसरी तरफ उनकी ही सरकार के एक मंत्री को हाथरस की घटना एक छोटा सा मुद्दा लगता है.
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अजीत सिंह पाल के बिगड़े बोल
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अजीत सिंह पाल ने हाथरस में 19 वर्षीय लड़की के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत की घटना को ‘छोटा सा मुद्दा’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था. उत्तर प्रदेश के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री पाल ने एक बयान में कहा, 'डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि हाथरस की घटना में महिला के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ.' मंत्री के बयान से विवाद बढ़ने की आशंका है.
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जांच को सार्वजनिक करने का वादा
उन्होंने इस घटना पर विपक्षी दलों के हमलों को लेकर संवाददाताओं के सवाल पर कहा, 'अगर विपक्ष (सरकार पर) हमले कर रहा है तो हम कुछ नहीं कर सकते. उनके पास कोई मुद्दा नहीं है और वे बीच-बीच में ऐसे छोटे मुद्दे उठाते रहते हैं. वे केवल मुद्दे उठा रहे हैं और जनहित में कुछ भी नहीं कर रहे.' जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या हाथरस की घटना छोटी है तो पाल ने कहा, 'मैं कह रहा हूं कि मामले की जांच हो रही है. डॉक्टरों ने कहा है कि इस तरह का कुछ नहीं हुआ. जांच में जो सामने आया, सार्वजनिक किया जाएगा.'
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एसपी समेत चार पुलिस अधिकारी निलंबित
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले की घटना के संभालने के तरीके को लेकर शुक्रवार को हाथरस के पुलिस अधीक्षक और चार अन्य पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया. वहीं, स्थानीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मीडिया को दलित पीड़िता के गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. हाथरस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार ने पत्रकारों से कहा, 'मौजूदा हालात के मद्देनजर किसी भी राजनीतिक प्रतिनिधि या मीडिया कर्मी को तब तक गांव में जाने नहीं दिया जाएगा जब तक एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच पूरी नहीं कर लेता.'
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विपक्ष के निशाने पर है योगी सरकार
योगी आदित्यनाथ सरकार 19 वर्षीय महिला के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसकी मौत के मामले में विपक्षी दलों के निशाने पर है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को लखनऊ में प्रदर्शन किया, जिन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने अलीगढ़, मथुरा और इलाहबाद में भी प्रदर्शन किया. वहीं दिल्ली में छात्रों, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक नेताओं ने शाम को जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी और वाम दलों समेत कई पार्टियों के नेता शामिल हुए. महिला का 14 सितंबर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था. इस दौरान उसे गंभीर चोटें आईं थी. मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया था. इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.