Hathras Stampede: क्या है बाबा के हैंड पंप का रहस्य? प्रसाद में पिलाई जाती है काली चाय
Hathras Stampede: न्यूज़ नेशन की टीम ने अपनी पड़ताल में ऐसी महिला भक्तों को खोज निकाला, जिनका कहना है कि उनके दिल की बीमारी बाबा की कथित काली चाय पीने से दूर हो गई.
New Delhi:
Hathras Stampede: हाथरस के सिकंद्राराराऊ में सत्संग के दौरान हुए हादसे में जान गवाने वालों का आंकड़ा 121 को पार कर चुका है. ऐसे में जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें बाबा का कहीं भी नाम नहीं है. इसके साथ ही इतने बड़े आयोजन को परमिशन देने वाले अधिकारियों की भी कोई गलती नजर नहीं आ रही है. क्योंकि प्राथमिक रिपोर्ट में ना तो किसी पुलिस अधिकारी की कोई गलती दिखाई गई है और ना ही एसडीएम के निचले स्तर के अधिकारियों की कोई गलती. गुनाह बताया गया है तो सिर्फ सत्संग के आयोजकों का. बाबा के सेवादारों को और उनके पर्सनल सुरक्षा कर्मियों को. हालांकि इसको लेकर जांच कमेटी गठित की गई है. लेकिन आज हम आपको बाबा से जुड़ी कई अहम बाते बता रहे हैं.
A. बाबा का हैंड पंप, अमृत जल का रहस्य:
बाबा के आश्रम के नजदीक कई हैंड पंप लगाए गए हैं. उन्हें में से एक हैंडपंप के करीब न्यूज़ नेशन की टीम भी पहुंची. भक्तों का दावा है कि इस हैंडपंप के कथित जल से कई विकारों और बीमारियों का निवारण हो सकता है. वह इस पानी को तरणा अमृत के तौर पर ग्रहण करते हैं, हालांकि आसपास खेती में रसायनों के प्रयोग से हमें इस पानी का स्वाद खारा मिला.
B. बाबा का चरण रज संस्कार:
न्यूज़ नेशन की टीम बाबा के आश्रम के मुख्य द्वार पर पहुंची. जहां पर फूल से सजे हुए बैरिकेडिंग पर बाबा की काफिले को रोका जाता है. इसके बाद एक 50 मीटर लंबी पगडंडी है जो फूलों से सजाई गई है, जब बाबा यहां से गुजरते हैं तो उनके ऊपर पुष्प वर्षा की जाती है.
यहीं पर ही मुख्य नारायणी स्वर्ण द्वार पर बाबा उतरते हैं. जहां पर कंक्रीट की सड़क पर एक रंगीन गोलधारा भी बनाया गया है. वहां से बाबा चलकर आश्रम के अंदर जाते हैं. भक्तों का दावा है कि यहीं से बाबा के पैरों की धूल मिलती है. जहां पर भक्त न्यूज़ नेशन की टीम के सामने भी नतमस्तक हो रही है. यह महिला बीते 10 मिनट से इसी तरह से नतमस्तक की मुद्रा में है. उनका कहना है कि चरण राज यानी धूल लेने से उनके पाप धुल जाते हैं और कथित रूप से सभी कष्ट मिट जाते हैं.
C. बाबा की काली चाय, जड़ी बूटी का रहस्य:
बाबा के आश्रम का नाम तो राम कुटीर है, लेकिन इसके अंदर किसी भी देवी देवता की कोई प्रतिमा नहीं. यहां बाबा की ही सुबह शाम आरती की जाती है. आरती के बाद प्रसाद स्वरूप लंगर और बिना दूध की काली चाय मिलती है. इस चाय के अंदर पीपल के पत्ते भी होते हैं. भक्तों का मानना है कि कथित रूप से इस चाय को पीने से उनके पेट के विकार और कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती है शुगर, बीपी से लेकर पीलिया का रोग समाप्त हो जाता है.
क्या कहते हैं बाबा के भक्त-
A. महिला भक्तों का बयान-
न्यूज़ नेशन की टीम ने अपनी पड़ताल में ऐसी महिला भक्तों को खोज निकाला, जिनका कहना है कि उनके दिल की बीमारी बाबा की कथित काली चाय पीने से दूर हो गई. बाबा की धूल से एक महिला के पति का पागलपन दूर हो गया एक महिला चलते हुए बताती है कि बाबा के हैंडपंप के पानी में संजीवनी जैसी शक्ति है ,अगर भक्त उन्हें मानते हैं तो उसे पानी से सभी तरह के विकार और पाप दूर हो जाते हैं.
B. पुरुष भक्तों का बयान-
बाबा की पुरुष भक्तों का कहना है कि बाबा की धूल से कोई फर्क नहीं पड़ता. वह बीते 10 सालों से यहां आ रहे हैं. हर सत्संग के कार्यक्रम के बाद बाबा की बिना दूध की काली चाय पिलाई जाती है, जिसमें पीपल के पत्तों समेत कई तरह की जड़ी बूटियां होती है, उसे जरूर फायदा मिलता है.
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