Advertisment

हाथरस पीड़ित परिवार ने कोर्ट में कहा- बिना उनकी मर्जी के किया गया अंतिम संस्कार, लगाई न्याय की गुहार

सोमवार को हाथरस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई हुई. पीड़िता परिवार ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी बेटी का अंतिम संस्कार बिना उनकी मर्जी के कर दिया गया.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
hathras gangrape case protest

Hathras case ( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

Advertisment

सोमवार को हाथरस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई हुई. पीड़िता परिवार ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी बेटी का अंतिम संस्कार बिना उनकी मर्जी के कर दिया गया. न्याय की मांग करते हुए परिवार ने कोर्ट से ये भी कहा कि उन्हें पूरी तरह ये भी नहीं पता कि आखिर पुलिस ने किसका अंतिम  संस्कार किया हैं. 

और पढ़ें: हाथरस की घटना को लेकर भाजपा सांसद का विवादित बयान, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिवार ने हाई कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए तीन तरह की मांग की.  पीड़िता के परिवार ने कोर्ट से कहा कि वह इस मामले को यूपी के बाहर के किसी राज्य में ट्रांसफर करने का आदेश दें. इसके साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सीबीआई जांच के सभी तथ्य जांच पूरी होने तक पूरी तरह से गोपनीय रखे जाएं. इसके अलावा पीड़ित परिवार ने अनुरोध किया कि जांच की अवधि में परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.

वहीं पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा ने हाथरस पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि परिवार ने कहा है कि "पुलिस ने शुरुआत से ही सही जांच नहीं की. हमें परेशान किया. इस केस में हमारी कोई मदद नहीं की थी। शुरू में तो इस केस में एफआईआर भी नहीं लिखी. इसके साथ ही बिना हमारी सहमति के रात में बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया. उसके अंतिम संस्कार में भी हमें शामिल नहीं किया.

दूसरी तरफ जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कोर्ट से कहा कि  कथित गैंगरेप पीड़िता के शव का रात में अंतिम संस्कार करने का फैसला कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर किया गया था और ऐसा करने के लिए जिला प्रशासन पर प्रदेश शासन का कोई दबाव नहीं था.

राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता वी.के. साही ने दलील देते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने बिल्कुल सही तरीके से काम किया. हालांकि, कोर्ट द्वारा न्याय मित्र नियुक्त किये गये वरिष्ठ अधिवक्ता जे.एन. माथुर ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सम्मानपूर्वक और अपनी धार्मिक रवायतों के हिसाब से अंतिम संस्कार हर नागरिक का अधिकार है.

ये भी पढ़ें: यूथ कांग्रेस ने हाथरस पीड़िता को न्याय के लिए कैंडल मार्च निकाला

बता दें कि उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस में युवती के साथ कथित गैंगरेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को हुई सुनवाई में पीड़ित परिवार व लापरवाही बरतने के आरोपी अफसरों के बयान दर्ज कर लिए गए. मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी. 

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप, मारपीट और मौत के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने मृत युवती के परिवार के पांच लोगों के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया सहित शीर्ष अधिकारियों तथा हाथरस के डीएम व एसपी का पक्ष जाना.

High Court up-police Yogi Government हाई कोर्ट योगी सरकार यूपी पुलिस Hathras Case हाथरस केस हाथरस गैंगरेप केस hathras case victim family हाथरस पीड़ित परिवार
Advertisment
Advertisment