Jagadguru Shri Rambhadracharya: जन्म से ही सूरदास और आध्यात्मिक गुरु श्री रामभद्राचार्य की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. यह नोटिस मुलायम सिंह यादव और कांशीराम को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर जारी हुआ है. यह मामला काफी पुराना है. स्वामी रामभद्राचार्य पर यह मामला एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज की गई है. इस याचिका पर इलाहाबाद के जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए स्वामी रामभद्राचार्य को नोटिस जारी किया है और उनसे स्पष्टीकरण रखने को कहा है.
हाई कोर्ट ने श्री रामभद्राचार्य को भेजा नोटिस
दरअसल, पिछले साल अप्रैल महीने में श्रीराम कथा के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा था कि मरे मुलायम-कांशीराम, प्रेम से बोलो जय श्री राम. बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ टिप्पणी का मामला काफी गर्मा गया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी जमकर वायरल हुआ था और फिर इसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
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मुलायम-कांशीराम पर की थी टिप्पणी
आपको बता दें कि स्वामी रामभद्राचार्य को मानने वाले भक्तों की संख्या काफी बड़ी है. स्वामी रामभद्राचार्य जन्म से ही नेत्रहीन हैं, लेकिन उनके द्वारा की गई कई सारी भविष्यवाणी सही साबित हो चुकी है. 22 भाषाओं के जानकार स्वामी रामभद्राचार्य 80 ग्रंथों की रचना कर चुके हैं. इसके साथ ही स्वामी रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय भी चला रहे हैं. साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित कर चुकी है. स्वामी रामभद्राचार्य पढ़-लिख नहीं सकते, लेकिन केवल सुनकर ही उन्होंने सीखा और अपनी रचनाओं को बोलकर लिखवाते हैं.
अप्रैल, 2023 का है मामला
अब देखना यह है कि स्वामी रामभद्राचार्य हाई कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस पर क्या जवाब देते हैं. इस मामले में प्रयागराज के यमुनानगर के रहने वाले याचिका प्रकाश चंद्र ने दर्ज कराई थी और मामले में कार्रवाई की मांग की थी. मुलायम सिंह यादव और कांशीराम पर किए गए विवादित टिप्पणी की वजह से हाई कोर्ट ने स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ नोटिस जारी किया है.