Allahabad High Court : इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन बुधवार को हाईकोर्ट के एक जज का बहिष्कार करेगा. एसोसिएशन के पदाधिकारियों की आपात बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया. साथ ही कहा गया कि बार कोर्ट का सम्मान करती है. यदि अधिवक्ता सुनील कुमार की गलती होगी तो वह क्षमा याचना करेंगे. 21 अक्टूबर को पत्र लिखकर केस की सुनवाई के दौरान हुए विवाद का अधिवक्ता ने जिक्र किया है कि उनके बार-बार अनुरोध करने के बावजूद अवमानना की कार्रवाई का आदेश पारित कर दिया गया.
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि बार एसोसिएशन ने हमेशा ही बेंच की गरिमा का सम्मान किया है, लेकिन बेंच से भी उसी तरह के स्नेह और सम्मान की अपेक्षा है. न्यायालय के सम्मान में कोई बात होती है तो बार उसके लिए क्षमा मांगती है. अधिवक्ता सुनील कुमार भी न्यायपीठ के समक्ष उपस्थित होकर बिना
शर्त क्षमा मांगेंगे.
न्यायालय का सम्मान सर्वोपरि है, परंतु सुनवाई केदौरान कभी-कभी गलतफहमी हो जाती है तो सभी का दायित्व है कि उसे दुरुस्त किया जाए. बैठक में महासचिव सत्य धीर सिंह जादौन, नीरज कुमार त्रिपाठी, सत्यम पांडेय, संजय सिंह, ऊष्मा मिश्रा, अरुण कुमार, राखी कुमारी, अनुज कुमार सिंह, जितेंद्र सिंह, अभिषेक तिवारी आदि मौजूद रहे.
पुनर्निरीक्षण याचिका में किशोर का नाम हटाने को लेकर अदालत में अप्रिय घटना घटी थी. सुप्रीम कोर्ट ने किशोर का नाम जाहिर न करने का फैसला दिया है, जिसपर अधिवक्ता से याची का नाम एक हफ्ते में हटाने का आदेश दिया. इसको लेकर अप्रिय वार्तालाप पर अवमानना कार्यवाही की गई है.
कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि अधिवक्ता ने अपने आचरण से न्यायिक कार्य में बाधा पहुंचाई और सरकारी अधिवक्ता के खिलाफ भी अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया. इस पर पीठ ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए मामले को उचित पीठ के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
Source : Manvendra Pratap Singh